भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच देशभर में बुधवार रात ब्लैकआउट और सायरन बजाने का मॉक ड्रिल किया गया। यह ब्लैकआउट कुल 15 मिनट के लिए हुआ।
राजस्थान में ब्लैकआउट की शुरुआत सबसे पहले अजमेर, बारां, डीडवाना और ब्यावर से हुई। शाम 7 बजते ही अलर्ट सायरन बजा और इसके बाद डिस्कॉम ने बिजली की आपूर्ति को काट दिया गया। इसके साथ ही सड़कों पर चल रहे वाहनों की रफ्तार थम गई। वाहन चालकों ने गाड़ियों की लाइटों को बंद कर दिया। ऐसे में 15 मिनट तक सन्नाटा छाया रहा। राजस्थान के कुल 28 स्थानों पर ब्लैकआउट करने का निर्देश जारी किया गया था। राजधानी जयपुर में रात 8.30 से 8.45 बजे तक ब्लैकआउट रहा।
पोकरण में ब्लैकआउट
परमाणु नगरी पोकरण की बात की जाए तो बुधवार रात साढ़े आठ बजते ही डिस्कॉम की ओर से कस्बे की विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई। इस दौरान पोकरण फोर्ट पर नगरपालिका की ओर से लगाए गए सायरन बजाए गए। सायरन बजते ही शहर थम सा गया। पूरे कस्बे में अंधेरा छा गया। यहां तक वाहन भी रुक गए। करीब 15 मिनट तक पूरा शहर अंधेरे की आगोश में समाया रहा। 8.45 बजे जनजीवन सामान्य हुआ।
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सायरन के बाद अंधेरा
अजमेर शहर में ब्लैकआउट किया गया। शाम 7.30 से 7.45 बजे तक घरों-दुकानों की बिजली बंद रखी। एलिवेटेड ब्रिज, स्टेशन रोड, मदार गेट और मुख्य सड़कों पर कई लोगों ने स्वेच्छा से वाहन रोके। कई लोगों ने मोबाइल भी बंद रखे। बीएसएनएल के आगरा गेट स्थित कार्यालय, रेलवे के केरिज कारखाना, कलक्ट्रेट सहित विभिन्न स्थानों पर शाम 7.30 बजे सायरन गूंजा। नगर निगम की स्ट्रीट लाइट बंद होते ही लोगों ने स्वेच्छा से घरों-दुकानों, दफ्तरों की लाइट बंद कर दी।
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15 मिनट का ब्लैकआउट
अलवर शहर में बुधवार शाम 4 बजे अरावली विहार के एक डिपार्टमेंटल स्टोरी में आतंकी हमले का मॉक ड्रिल किया गया और रात 7.45 से 8 बजे तक 15 मिनट का ब्लैकआउट रहा। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही सिविल डिफेंस की टीम ने मोर्चा संभाला और घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
दूसरी टीम कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार देती रही। वहीं रात पौने आठ बजे फिर से सायरन बजा और देखते ही देखते शहर अंधेरे में डूब गया। इससे पूर्व शाम को सिविल डिफेंस के लोग प्रताप ऑडिटोरियम में नागरिक सुरक्षा के लीडर पतराम के नेतृत्व में एकत्रित हुए। नागरिक सुरक्षा के लोगों को ट्रेंड किया गया।
अंधेरे में डूबा बांसवाड़ा
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान के सीमावर्ती राजस्थान के अन्य जिलों के साथ बांसवाड़ा में भी बुधवार रात पौने आठ से आठ बजे के बीच ऐहतियात के तौर पर ब्लैकआउट रखा गया। इस दौरान रोड लाइट हो या घरों में रोशनी के इंतजाम, सभी बंद रखने से शहर अंधेरे के आगोश में रहा।
इससे पहले शाम करीब चार बजे गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। कलक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव और एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला की मौजूदगी में यहां सभी संबंधित विभागों का रेस्पांस टाइम देखा गया। बाद में कलक्टर डॉ. यादव ने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का रेस्पांस ठीक रहा।
बाड़मेर में मॉक ड्रिल
वहीं बाड़मेर शहर में रात 8 बजे से 8.15 बजे तक ब्लैकआउट रखा गया। इससे शहर अंधेरे में डूब गया। इससे पहले बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल की गई। इसका उद्देश्य युद्ध जैसे हालात में बचाव व प्रतिक्रिया की तैयारियों को परखना था। मॉक ड्रिल करीब 35 मिनट तक चली, जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस, चिकित्सा विभाग, सेना व रेलवे अधिकारी सक्रिय रहे। जिला कलक्टर टीना डाबी और एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने खुद मॉनिटरिंग की।