इंदौर का तेजी से विस्तार हो रहा है और पानी का आवश्यकता बढ़ती जा रही है। इसे पूरा करने के लिए सरकार अमृत-2 योजना में चार चरणों में 400 एमएलडी पानी इंदौर लाएगी। जलूद में 1600 एमएलडी का इंटकवेल और 900 एमएलडी का फिल्टर प्लांट बनाने का टेंडर हैदराबाद की एसपीएमएल कंपनी को दिया गया है। इस पर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्रालय ने भी मुहर लगा दी है।
पूरे काम की 1700 करोड़ आएगी लागत
जलूद से नर्मदा के चौथे चरण के पानी को घर-घर पहुंचाने में करीब 1700 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। पहले चरण में 400 करोड़ खर्च हो रहे हैं तो आगे जलूद से वांचू पाइंट तक लाइन डलेगी। फिर वांचू पाइंट से राऊ सर्कल और बाद में इंदौर में सप्लाय होगी। सभी के अलग-अलग टेंडर जारी किए जाएंगे।
इंदौर में 38 टंकियों का होगा निर्माण
चौथे चरण में इंदौर नगर निगम में शामिल हुए 29 गांवों व छूटे क्षेत्र में सप्लाय के लिए 38 उच्च स्तरीय टंकियों का निर्माण होगा। फीडर मैन, डिस्ट्रीब्यूशन, पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पूरा प्रोजेक्ट तीन साल में पूरा करने की योजना है। चौथे चरण के बाद शहर में करीब 836 एमएलडी पानी की सप्लाय होगी।
मां नर्मदा के शहर में आने का इतिहास
नर्मदा जल इंदौर लाने के लिए 1972 से जन आंदोलन शुरू हुआ। 31 जनवरी 1978 में पहले चरण के तहत नर्मदा इंदौर आई और 90 एमएलडी पानी मिला। 1992 में दूसरे चरण में 90 एमएलडी पानी और मिला। 2004 में तीसरे चरण में करीब 800 करोड़ खर्च हुए। अभी कुल 406 एमएलडी पानी आ रहा है। नर्मदा के चौथे चरण में इंटकवेल व फिल्टर प्लांट बनाने का टेंडर हैदराबाद की कंपनी को दिया गया है। जल्द ही कंपनी इस संबंध में काम शुरू करेगी। इसके बाद विभिन्न चरणों को लेकर टेंडर होने जा रहे हैं। -पुष्यमित्र भार्गव, महापौर