बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम का ट्रेंड ऐसा ही रहा तो इस बार औसत का आंकड़ा 1300 मिलीमीटर तक पहुंच सकता है, जो अपने आप में रिकॉर्ड होगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार-रविवार को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर, जबलपुर एवं शहडोल संभाग के जिलों में झमाझम बारिश होगी।
इन जिलों में खतरनाक बारिश का खतरा
इंदौर, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले में शनिवार और रविवार को अति भारी बारिश का रेड अलर्ट है। वहीं बाकी बचे जिलों में हलकी बारिश का अनुमान है। (heavy rain alert)
इन कारणों से अंचल में बारिश
बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम उत्तर प्रदेश की सीमा से होते हुए राजस्थान की ओर जा रहा है। यह ग्वालियर ऊपर से होते हुए गुजर रहा है। मानसून ट्रफ लाइन भी बारिश को सपोर्ट कर रही है। बंगाल की खाड़ी में जो सिस्टम बनते थे, वह भोपाल होते हुए गुजरात की ओर जाते थे, लेकिन इस बार भोपाल की ओर से नहीं गए। (heavy rain alert)
1 जून से 30 सितंबर के बीच ग्वालियर में मानसून
मानसून सीजन 1 जून से 30 सितंबर के बीच 122 दिन का होता है। शहर में 706.4 मिलीमीटर तो जिले में 751 मिमी बारिश होती है। इस बार शहर में 775 मिमी बारिश हो चुकी है जो 150 मिलीमीटर अधिक है। जुलाई 1935 में 678 मिलीमीटर बारिश हुई थी इसके बाद 2025 जुलाई में 625 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जुलाई के 6 दिन शेष हैं। अभी नया सिस्टम आ रहा है। इस सिस्टम से बारिश होती है तो 1935 का भी रिकॉर्ड टूट जाएगा।