टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार किसी सीरीज में भारत के 4 बल्लेबाजों ने 400 से ज्यादा रन बनाए हैं। शुभमन गिल, केएल राहुल, ऋषभ पंत, और रवींद्र जडेजा ने इस सीरीज में अब तक 400-400 से ज्यादा रन ठोक दिए हैं। यह सीरीज न केवल भारत की बल्लेबाजी ताकत को दर्शाती है, बल्कि चौथे टेस्ट के ड्रॉ की ओर बढ़ने के कारण रणनीति को भी उजागर करती है।
गिल है कि मानता नहीं!
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में से अबतक खेले गए 4 मैचों में शुभमन गिल ने 722 रन बनाए हैं और वह सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उनका दोहरा शतक (269) और 3 शतक इस बात का सबूत हैं कि वे इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में भी दबाव झेल सकते हैं। गिल की तकनीक और धैर्य ने उन्हें भारत का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बनाया। उनकी पारियां न केवल स्कोरबोर्ड पर रन जोड़ती हैं, बल्कि टीम को मनोवैज्ञानिक बढ़त भी दिलाती हैं।
टीम इंडिया की नई दीवार
केएल राहुल ने भी इस सीरीज के चारों मैच खेले हैं और चौथे टेस्ट को ड्रॉ की ओर ले जाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इस सीरीज में 511 रन बनाए हैं। दो शतक और 2 अर्धशतक के साथ उन्होंने इंग्लैंड में 1000 टेस्ट रन का आंकड़ा भी पार किया। राहुल की तकनीक और डिफेंसिव खेल ने उन्हें पिच की अनिश्चितताओं का सामना करने में मदद की। उनकी पारियां भारत को मुश्किल हालात में संभालने में अहम रहीं, खासकर जब शीर्ष क्रम लड़खड़ा रहा था।
संकटमोचन का दूसरा नाम
ऋषभ पंत ने 479 रनों के साथ अपनी आक्रामक शैली से इंग्लैंड के गेंदबाजों को परेशान किया। उनकी 70.83 की औसत और 2 शतक- दो अर्धशतक ने दिखाया कि वे बड़े शॉट्स के साथ-साथ लंबी पारियां भी खेल सकते हैं। पंत की विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी का कॉम्बिनेशन भारत के लिए गेम-चेंजर रहा। उनकी बेपरवाह शैली ने कई बार भारत को रन-रेट बढ़ाने में मदद की।
कमाल के ऑलराउंडर
रवींद्र जडेजा मैनचेस्टर टेस्ट मैच की दूसरी पारी में नाबाद शतक लगाया। इस तरह वह इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे स्थान पर आ गए हैं। जडेजा 425 रन बनाने के साथ सीरीज में उन्होंने 136 ओवर डालकर 7 विकेट भी चटकाए हैं। 4 अर्धशतकों के साथ 113.50 की औसत उनकी निरंतरता को दर्शाती है। जडेजा का ऑलराउंड प्रदर्शन भारत को संतुलन प्रदान करता है।