बेन स्टोक्स ने भारत को दिया ड्रा का प्रस्ताव
चौथे टेस्ट के अंतिम ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच को ड्रॉ घोषित करने के लिए हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन उस वक्त रवींद्र जडेजा 89 और वाशिंगटन सुंदर 80 रन पर खेल रहे थे। दोनों खिलाड़ी अपने शतक के करीब थे। ऐसे में उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखने का फैसला किया। इससे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स नाखुश दिखे।
सुंदर और जडेजा से मैच के बाद स्टोक्स ने नहीं मिलाया हाथ
यह स्थिति गर्मा गई और मैदान पर बहस देखने को मिली, जिससे यह मुकाबला एक तनावपूर्ण मोड़ पर खत्म हुआ। इसके अलावा, मैच के बाद औपचारिक हैंडशेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को नजरअंदाज कर दिया।
गौतम गंभीर ने अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब गौतम गंभीर से इस विवाद के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इंग्लैंड पर पलटवार किया। गंभीर ने कहा, “अगर एक बल्लेबाज 90 और दूसरा 85 पर खेल रहा है, तो क्या वह शतक के हकदार नहीं? क्या वह मैदान छोड़कर चले जाते? अगर इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज 90 या 85 पर होता और उसके पास अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका होता, तो क्या आप उसे ऐसा करने से रोकते? यह उन पर निर्भर करता है। अगर वह इस तरह खेलना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर है। मुझे लगता है कि वह दोनों शतक के हकदार थे, और उन्होंने शतक पूरा किया।” ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान जब भारत ने बेन स्टोक्स की ड्रॉ के लिए हैंडशेक की पेशकश ठुकरा दी, उसके बाद रवींद्र जडेजा ने ब्रुक की गेंद पर छक्का जड़ा और फिर उसी पार्ट-टाइम गेंदबाज की फुल टॉस गेंद पर चौका लगा दिया। इसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने भी ब्रुक के खिलाफ एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से चौका मारते हुए जडेजा के साथ अपनी साझेदारी को 200 रन तक पहुंचाया। फिर एक खूबसूरत फ्लिक शॉट के जरिए दो रन लेकर सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। दोनों खिलाड़ियों ने शतक जड़ने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया और मैच औपचारिक रूप से ड्रॉ हुआ।