मैं बिल्कुल इसके पक्ष में हूं- गंभीर
गौतम गंभीर ने ऐसे नियम का पुरजोर समर्थन किया है, जो टीमों को ऐसी परिस्थितियों में एक प्रतिस्थापन खिलाड़ी लाने की अनुमति देता है, ताकि मुकाबला दस बनाम ग्यारह की असमान लड़ाई में न बदल जाए। मैच के बाद गंभीर ने कहा कि मैं बिल्कुल इसके पक्ष में हूं। अगर अंपायर और मैच रेफरी देखते हैं और महसूस करते हैं कि चोट गंभीर है तो मुझे लगता है कि यह बहुत ज़रूरी है।
‘इसमें कुछ भी गलत नहीं’
उन्होंने कहा कि यह नियम होना बहुत जरूरी है, जहां आप एक विकल्प चुन सकते हैं, यानी अगर चोट साफ़ दिखाई दे रही हो। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, खासकर इस तरह की सीरीज़ में जहां पिछले तीन टेस्ट मैचों में काफ़ी कड़ा मुकाबला रहा है। सोचिए अगर हमें 11 के मुकाबले 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता तो ये हमारे लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता।
स्टोक्स ने दी ये चेतावनी
वहीं, स्टोक्स ने इस विचार को असहमति जताते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के नियम से दुरुपयोग और हेराफेरी का रास्ता खुल सकता है। मौजूदा खेल परिस्थितियों में प्रतिस्थापन की अनुमति केवल तभी दी जाती है, जब कोई खिलाड़ी कन्कशन या मैच के दौरान कोविड-19 से संक्रमित हो जाता है। स्टोक्स ने कहा कि मुझे लगता है कि यह बिल्कुल हास्यास्पद है कि चोट के प्रतिस्थापन को लेकर इतनी चर्चा हो रही है।
‘आप मुझे एमआरआई स्कैनर में डालेंगे तो…’
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि टीमों के लिए बहुत सारी खामियां होंगी, जिनसे वे निपट नहीं पाएंगे। आप एक मैच के लिए अपने 11 खिलाड़ी चुनते हैं; चोटें खेल का हिस्सा हैं। मैं कन्कशन रिप्लेसमेंट के बारे में पूरी तरह समझता हूं, खिलाड़ी कल्याण, खिलाड़ी सुरक्षा। लेकिन, मुझे लगता है कि चोट के रिप्लेसमेंट पर बातचीत बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि अगर आप मुझे एमआरआई स्कैनर में डालेंगे तो मैं किसी और को तुरंत मैदान पर उतार सकता हूं।