इसके बाद भी नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अब तक सोए हुए हैं। निगम में पांच फॉगिंग मशीन हैं। इनमें से अब तक एक भी मशीन का उपयोग किसी गली-मोहल्लों में दिखाई नहीं दिया है। इसके चलते गंदगी और साफ पानी में मच्छर पनप रहे हैं। ये ही मच्छर घरों में आम परिवार को बीमार कर रहे हैं। जिनका इलाज जिला अस्पताल समेत प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक कर रहे हैं। इधर निगम अधिकारी कह रहे हैं कि कहीं न कहीं बारिश बाधक है। बारिश के बाद ही फॉगिंग मशीन सार्वजनिक गली-मोहल्लों में निकालेंगे।
मलेरिया विभाग में मलेरिया के 24 केस
देखा जाए तो मलेरिया विभाग का डेंगू का आंकड़ा अभी निकल नहीं पाया है। जबकि शहर के अंदर सर्वे में हर दिन लार्वा नष्ट किए जा रहे हैं।मलेरिया के 24 केस पाए गए हैं। इस समय बुखार भी ज्यादा है। इसका कारण कहीं न कहीं मच्छर है। गैर सरकारी आंकड़ों में अब तक पांच हजार से अधिक डेंगू पीडि़तों का इलाज कर दिया है। फिर भी बारिश और मच्छरजन्य बीमारी पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य और मलेरिया विभाग की टीम काम कर रही है।बरसात के बाद होंगे सक्रिय
इस समय मच्छरों से डेंगू के नहीं, मलेरिया के 24 केस पाए गए हैं। डेंगू के लार्वा हर मोहल्ले में नष्ट किए जा रहे हैं। -देवेन्द्र भालेकर, जिला मलेरिया अधिकारी।