गुरुवार को दर्जनों ग्रामीण पीडि़त के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और घटना को सत्य बताते हुए पुलिस पर लापरवाही, मामले को दबाने और गवाहों को धमकाने के गंभीर आरोप लगाए। भलावी ने कहा कि यह केवल मारपीट नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यंत घृणित और अमानवीय कृत्य है, जिसमें पीडि़त को गांव के रंगमंच पर ले जाकर न केवल गुटखा खाकर उसके मुंह पर थूका गया, बल्कि पेशाब भी जबरन पिलाई गई। उनका आरोप है कि 12 से अधिक हमलावरों ने रात्रि में पीडि़त के घर में घुसकर उसकी पत्नी, बच्चों और अन्य रिश्तेदारों के सामने उसके साथ बर्बरता की, परंतु पुलिस ने अब तक केवल सामान्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस गंभीर धाराओं में केस दर्ज नहीं करती, ढाबा बंद नहीं कराती और गवाहों को सुरक्षा नहीं देती, तो पांच जुलाई को उग्र प्रदर्शन होगा।