इन वर-वधुओं से उनके परिजन इस राशि के बारे में पूछ परख कर रहे हैं। ये लोग भी नगर निगम के पार्षद, योजना कार्यालय या फिर मुख्य ऑफिस आकर जानकारी ले रहे हैं। बताते हैं कि इस समय सबसे ज्यादा शिकायतें इस सामूहिक विवाह की उपहार राशि की है। कई बार तो उन्हें पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के ऑफिस पहुंचा दिया जा रहा है, जहां से उन्हें बजट का अभाव बताया गया है। भुगतान में हो रही लेटलतीफी को देखकर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने राशि डालने का राज्य शासन को पत्र लिखा है।
छिंदवाड़ा, जुन्नारदेव और सौंसर के अटके बिल
पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के कर्मचारियों की माने तो जिले की जनपद पंचायतों और नगरीय निकाय में 5348 सामूहिक विवाह कराए गए थे। तीन निकायों छिंदवाड़ा, सौंसर और जुन्नारदेव को छोडकऱ शेष कर्मचारियों ने इनके बिल समय पर लगा दिए तो इन विवाहों में शामिल वधुओं के खाते में 49 हजार रुपए की राशि आ गई है। बताते हैं कि पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के खाते में 9 करोड़ रुपए की राशि सामूहिक विवाह मद में है। केवल परमिशन की जरूरत है।छह माह तक लटकी रही वर्ष 2020 में राशि
बताते हैं कि छह साल पहले वर्ष 2020 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में पुलिस ग्राउण्ड में सामूहिक विवाह हुए थे। उसमें 3300 जोड़ों के शामिल होने का विश्व रिकार्ड बना था। उसके बाद कमलनाथ सरकार के गिरने पर यह राशि अटक गई थी। उस समय भी जोड़े छह माह के लिए परेशान हो गए थे। उसके बाद आई शिवराज सरकार ने धीरे-धीरे कर इस राशि का भुगतान कराया था।
इनका कहना है…
छिंदवाड़ा नगर निगम, जुन्नारदेव और सौंसर जनपद पंचायत में हुए सामूहिक विवाह की राशि अब तक नहीं मिली है। इसके लिए कलेक्टर की ओर से शासन को पत्र लिखा गया है।-पी.राजोदिया, उपसंचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय छिंदवाड़ा।‡
जिले में विकासखण्ड वार शादियां
विकासखण्ड शादी संख्याहर्रई 445 बिछ़ुआ 248
अमरवाड़ा 499 ्रमोहखेड़ 383
परासिया 641 चौरई 497
तामिया 493 जुन्नारदेव 980
छिंदवाड़ा 914 सौंसर 262
पांढुर्ना 345 कुल 5348
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