समीक्षा बैठक में निर्देश
कलेक्टर ने खरीफ मौसम की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि मौसम खुलते ही किसानों को बुवाई के लिए प्रेरित किया जाए। कृषि विभाग के अमले को निर्देश दिए कि वे लगातार फील्ड पर रहें और कोदो, कुटकी व अरहर जैसी फसलों का रकबा बढ़ाने में किसानों को मदद करें। मिनीकिट का अधिक से अधिक वितरण और किसानों को फसल बीमा के लिए प्रेरित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश जैसे उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सभी डबल लॉक केंद्रों पर शेड निर्माण और बैठक व्यवस्था भी समय पर पूरी की जाए ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
कारण बताओ नोटिस जारी
बैठक में उद्यानिकी अधिकारी सही जानकारी के साथ उपस्थित नहीं हुए, जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। अंत में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि खरीफ मौसम की तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तय समय सीमा में प्रगति न दिखाने वाले अधिकारियों(officers and employees) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन के सभी केसों को 7 दिनों में बैंक में भेजने, कृत्रिम गर्भाधान, चारा और आहार विकास, वत्सोत्पादन एवं केसीसी के आवेदनों में प्रगति लाने के निर्देश दिए। साथ ही आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन, डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर आवेदनों की संख्या बढ़ाने और गौशालाओं के निर्माण में प्रगति लाने के आदेश भी दिए।
सिंचाई, स्प्रिंकलर और मृदा स्वास्थ्य कार्ड
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसानों से ड्रिप और स्प्रिंकलर के 5000 आवेदन कराकर ऑनलाइन अपलोड किए जाएं। उन्होंने 7 दिनों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड, स्प्रिंकलर और मिट्टी की लैब टेस्टिंग में प्रगति लाने के भी निर्देश दिए। खराब प्रगति पर नौगांव के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए।
मत्स्य विभाग और एफपीओ पर भी जोर
कलेक्टर ने मत्स्य विभाग को मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्योत्पादन, केज कल्चर और मछुआ केसीसी के लिए आमजन से अधिक से अधिक आवेदन कराने के निर्देश दिए। एफपीओ संचालकों से कहा कि किसानों को मौसम खुलते ही बुवाई के लिए प्रेरित करें और उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करें।