सात पीढिय़ों से सडक़ का इंतजार, बारिश में कीचड़ बना काल
ग्राम पंचायत पांडेपुरवा के गोरा पुरवा में ग्रामीणों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर ढोल-मंजीरे बजाती हुई सडक़ पर बैठ गईं और जमकर नारेबाजी की। कई महिलाओं ने राज्य सरकार और क्षेत्रीय विधायक व वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार के खिलाफ मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए। मंगल यादव, राहुल, भीम, सुनील अनुरागी, रामप्रसाद, मुत्री, देव सिंह बताया कि गांव से मुख्य सडक़ को जोडऩे के लिए सिर्फ तीन किमी का मार्ग बनाने की जरूरत है। इसके लिए वे कई वर्षों से मांग कर रहे हैं फिर भी स्थानीय जनप्रतिनिधि और शासन के अधिकारी उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बछौन से गोरा पुरवा तक सडक़ न होने की वजह से बच्चों को स्कूल पहुंचने में भारी दिक्कत होती है। बरसात में रास्ते तालाब में तब्दील हो जाते हैं। महिलाएं गर्भवती हों या बुजुर्ग बीमार, एंबुलेंस तक गांव तक नहीं पहुंच पाती। ग्रामीण महिला ने रोते हुए कहा, हमारी सात पीढिय़ां सडक़ की मांग कर चुकीं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। 2021 में कलेक्टर को शिकायत की थी, लेकिन केवल कागजों पर जवाब मिला।
एसडीएम बोले- जल्द समाधान कराएंगे
एसडीएम लवकुशनगर राकेश शुक्ला ने कहा कि भारी बारिश के कारण कीचड़ की समस्या बढ़ी है और जल्द समाधान कराया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि मंत्री के खिलाफ कोई नारेबाजी नहीं हुई। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में महिलाएं व पुरुष मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं।
मंत्री ने कहा- विरोध राजनीतिक साजिश
वहीं, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने इस विरोध को कांग्रेस की साजिश बताया। उन्होंने कहा, कुछ कांग्रेसी मानसिकता वाले लोग वीडियो बनाकर मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने दो साल में सडक़ और विकास कार्यों में अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संपर्क कर समस्याएं बताने की अपील की।
इधर, ग्रामीणों ने रोका मंत्री का काफिला
शनिवार को बछौन क्षेत्र में पंचम नगर के ग्रामीणों ने बारिश के बीच मंत्री के काफिले को रोक लिया। ग्रामीणों ने तीन प्रमुख समस्याएं सिंहपुर डैम से छोड़े गए पानी के कारण उर्मिल नदी किनारे खेतों में रेत जम जाने से फसल बर्बाद हो रही है, रेत हटवाने की मांग की। दूसरी समस्या बताई कि बार-बार केबल जलने और हफ्तों बिजली गायब रहने से ग्रामीण बेहाल हैं और सामुदायिक भवन न होने से शादी-ब्याह और अन्य आयोजनों में परेशानी होती है। मंत्री ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और एक सप्ताह में समाधान का भरोसा दिया।