अनुपम खेर ने खोला अपनी जिंदगी का राज
अनुपम खेर ने अपने एक पॉडकास्ट में बताया कि, ‘वो आज भी किराए के घर में रहते हैं, जबकि उनके पास कई घर खरीदने की आर्थिक क्षमता है। उन्होंने उदहारण देते हुए कहा कि गौतम बुद्ध ने भी ऐशो-आराम छोड़कर साधारण जीवन चुना था। जीवन में बहुत कम चीजों की जरूरत होती है, रहने के लिए एक घर, चलने के लिए एक गाड़ी और साथ काम करने के लिए कुछ अच्छे लोग। घर अपना हो या किराए का, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’
किराए पर रहने की वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
इसके साथ ही अनुपम खेर ने घर खरीदने या जायदाद नहीं बनाने के पीछे कारण बताते हुए कहा, ‘कोई बड़ी जायदाद इसलिए नहीं बनाते क्योंकि वो नहीं चाहते कि उनके जाने के बाद उनके परिवार में किसी तरह का विवाद हो।’ अनुपम खेर बोले, ‘जब कोई इंसान गुजर जाता है या मर जाता है तो उसकी छोड़ी हुई संपत्ति को लेकर परिवार में झगड़े होते है और पैसों का बंटवारा आसान नहीं होता है। मैंने कई बुजुर्गों से बातें की हैं, कुछ को उनके बेटों ने घर से निकाल दिया, किसी से जबरदस्ती दस्तखत कराए गए। ये चीजें मेरे घर में नहीं होनी चाहिए। इसलिए मैंने ऐसा किया है।’
मैं असल जिंदगी में पिता जैसा व्यवहार नहीं करता
इसके साथ ही अनुपम खेर ने ये भी बताया कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनका कोई अपना बच्चा नहीं है। उन्होंने अपने सौतेले बेटे सिकंदर खेर के साथ रिश्ते के बारे में भी बात की और कहा कि वो सिकंदर को उसकी मर्जी से जीने देते हैं और उसमें दखल नहीं देते। अनुपम खेर ने आगे कहा कि सिकंदर मेरा सौतेला बेटा है। आजकल के बच्चे अपने फैसले खुद लेते हैं, वो अपने माता-पिता से हर बात की इजाजत नहीं लेते। मैं असल जिंदगी में पिता जैसा व्यवहार नहीं करता, वो फिल्मों के लिए ठीक है। बच्चों को अपनी गलतियों से सीखने देना चाहिए।