विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कैसे एक थिएटर ने बचाई फिल्म
विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित ‘मुन्ना भाई MBBS’ को पहले कई डिस्ट्रीब्यूटर्स ने रिजेक्ट कर दिया था। उन्हें इस फिल्म की कहानी में कोई दम नहीं दिख रहा था। लेकिन एक थिएटर ने इस फिल्म पर भरोसा जताया और इसे रिलीज करने का फैसला किया और फिर फैंस को ये फिल्म काफी पसंद आई। ‘मुन्ना भाई MBBS’ न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, बल्कि इसने लोगों के दिलों को भी छू लिया। ये फिल्म आज भी लोगों को हंसाती है और सोचने पर मजबूर करती है। इस फिल्म ने ये साबित कर दिया कि अच्छी कहानी और दमदार एक्टिंग से किसी भी फिल्म को सफल बनाया जा सकता है, चाहे उसे कितने भी डिस्ट्रीब्यूटर्स ने रिजेक्ट क्यों न कर दिया हो।
डिस्ट्रीब्यूटर्स ने फिल्म से हाथ खींच लिया
हाल ही में एक इंटरव्यू में विधु विनोद चोपड़ा ने बताया कि फिल्म के रिलीज से कुछ दिन पहले चेन्नई के एक वितरक ने फिल्म से हाथ खींच लिया था, ये कहते हुए कि वो इसे रिस्क नहीं लेना चाहते थे। मुंबई के बाहर किसी ने भी इसे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद चोपड़ा ने फिल्म को खुद ही बेचने का फैसला किया और चेन्नई के एक सिनेमाघर में एक ही प्रिंट 5 लाख रुपये में बेचा। उस सिनेमाघर ने बाद में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। चोपड़ा ने आगे बताया, ‘पहले दो दिन में कोई नहीं आया, लेकिन फिर जैसे ही लोगों ने फिल्म देखी, वे इसे पसंद करने लगे। धीरे-धीरे फिल्म की पब्लिसिटी हुई और फिर ये उड़ान भरने लगी।’ इसकी सफलता ने न केवल निर्देशक राजकुमार हिरानी के करियर की शुरुआत की, बल्कि संजय दत्त की स्टारडम को भी नया जीवन दिया।
मुन्ना और सर्किट की जोड़ी दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय
बता दें कि फिल्म में मुन्ना और सर्किट के किरदारों को निभाने वाले संजय दत्त और अरशद वारसी की जोड़ी दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गई और आज भी इस जोड़ी का कोई सानी नहीं है। ये फिल्म अपनी कॉमेडी, भावनाओं और सामाजिक संदेशों के लिए फेसम हुई और फैंस के सिर चढ़कर बोली। इसने सबका दिल जीता। बता दें कि कभी-कभी एक थिएटर और एक प्रिंट पूरी इंडस्ट्री की दिशा बदल सकते हैं, और यही फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी खासियत है।