खाजूवाला और बज्जू जैसे सीमावर्ती इलाकों में कुछ दिन पहले तक सन्नाटा था, पर अब हालात बदल चुके हैं। खेतों में काम भले ही ठप हो, क्योंकि नहरों में पानी नहीं है। लोग अब पूर्व निर्धारित मांगलिग समारोहों की तैयारियों में जुट गए हैं। सोमवार को बाजारों में कपड़े, ज्वैलरी की दुकानों पर उमड़ी भीड़ से यही तथ्य सामने आए।
शहनाइयों की आहट बीकानेर शहर की बात करें तो यहां चार दिन पुरानी चहल-पहल लौटती दिख रही है। जूलरी कारोबारी रेवंत जाखड़ बताते हैं कि आज बाज़ार में वह रौनक दिखी, जो बीते हफ्ते बिल्कुल गायब थी। लोग सिर्फ खरीदारी ही नहीं कर रहे, बल्कि बातचीत में भी तनाव की चर्चा से दूर होते जा रहे हैं। तकरीबन यही बात लहंगा, चुन्नी व जूलरी के कारोबारी अजय खिवानी ने भी कही। कुल मिला कर हालात नियंत्रण में हैं। लोग अब यह मान चुके हैं कि डर को पीछे छोड़ना ही बेहतर भविष्य की ओर मजबूत कदम होगा। हालात को देखते हुए प्रशासन ने भी सभी पाबंदियां उठा ली हैं। हालांकि, सुरक्षा सतर्कता जारी रहेगी।