बृजेश सिंह बीकानेर। आज की भोर सरहद पर कुछ अलग सी थी। उम्मीद की हल्की गर्माहट थी, तो थोड़ी कसक भी दिखी। शाम होते-होते सीमांत खाजूवाला और बज्जू के गांव हों या बाजार, लोगों के कदम सामान्य तौर पर खेतों-बाजारों की ओर उठते दिखे। रात करीब साढ़े आठ बजे फिर थोड़ी हलचल हुई, जब बज्जू के आसमान में ड्रोन दिखे। लेकिन वह गायब भी हो गए। हालांकि, इन सबके बीच आनंदगढ़ के सरपंच दुरुस्तदान सिंह बोले ‘सीजफायर होणो एक बात है, पर पाक की नीयत पै भरोसो नीं कर सकै। हम चौकस हैं।’
लगभग पूरे दिन सरहद से लगते गांवों में कुछ ऐसी ही चर्चाओं के बीच जनजीवन सामान्य होने की कोशिश करता दिखा। कुछ कसक जरूर मन में थी। इनमें 8 केवाईडी के मनीष कुमार और 17 केवाईडी के मुंशीराम एक सुर में बोलते मिले ‘सरकार म्हारी तो कांई जल्दी कर दी। इन नापाकां नै अर सीख देणी बाकी रही!’
कांई जाने, कसक सी लाग री सै
खाजूवाला के मनदीप सिंह (14 बीडी), सोमदत्त बिश्नाई (2 कालूवाला) हों या बज्जू के बस ड्राइवर कंडक्टर भोमाराम व सुरेश। बोले…कांई जाने, एक कसक सी लाग री सै।’ निश्चित तौर पर ये लोग पाकिस्तान को और सबक की चाहत रखते थे।
भोर ने दी उम्मीद, रात फिर हुए अलर्ट
बज्जू के सुभाष और जगदीश के मुताबिक, भोर ने शांति की नई उम्मीद दी। वहीं रात होते-होते ड्रोन गतिविधियों ने थोड़ा चिंतित जरूर किया। लेकिन सब कुछ फिर भी ठीक महसूस हुआ।
बीकानेर शहर समेत पूरे जिला शाम करीब 6.15 बजे बाजार बंदी की शुरुआत के साथ घरों की ओर लौट पड़ा। गलियों में अंधेरा रहा, लेकिन घरों के भीतर उजाले में लोग नए दिन के सूरज के इंतजार में सिमट गए।