प्राइवेट किया एक्स अकाउंट
बता दें कि भारत पाकिस्तान सीजफायर पर सहमति बनने के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी का एक्स अकाउंट प्रोटेक्टेड मोड में आ गया। इसके बाद अब उनके एक्स अकाउंट पर कोई भी अपनी प्रतिक्रिया या किसी भी तरह का कमेंट नहीं कर सकता। युद्ध विराम का संदेश लोगों को देने वाले मिसरी को इतना ट्रोल किया गया कि हारकर उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा।
क्या आप जानते हैं, कौन हैं विक्रम मिसरी
विक्रम मिसरी 1989 में IFS अफसर बने, एडवरटाइजिंग से करियर की शुरुआत करने वाले मिसरी 1997 में प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल के प्राइवेट सेक्रेटरी रहे हैं। 2012 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी बने। इसके बाद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी प्राइवेट सेक्रेटरी बने। 2014 में भारतीय एम्बसडर टू स्पेन नियुक्त किए गए। तो 2016 में भारतीय एमबेसडर टू म्यांमार नियुक्त किए गए। 2019 में उन्हें एक बार फिर भारतीय एम्बेसडर टू चाइना नियुक्त किया गया। इसके अलावा वे प्रणब मुखर्जी के की टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। 28 जून 2024 को उन्हें भारत के विदेश सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया गया। वे भारत के 35वें विदेश सचिव हैं।
मिसरी के समर्थन में आए लोगों ने किया ट्रोलिंग का विरोध
ट्रोलिंग के बीच विक्रम मिसरी के समर्थन में भी कई लोग कमेंट करते दिखे, किसी ने इस ट्रोलिंग को मिसरी और उनके परिवार पर निशाना बताया, तो किसी ने घिनौना, वहीं किसी ने पोस्ट शेयर कर लिखा शर्मनाक। किसी ने कहा संघर्ष के समय उम्दा काम करने वाले बेहतरीन विदेश सचिव विक्रम मिसरी को ट्रोल कर रहे हैं, वे इंसान के रूप में कचरा हैं। वहीं उनके समर्थन में आए लोगों ने ट्रोल करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।
एमपी से विक्रम मिसरी गहरा कनेक्शन, सिंधीया स्कूल से की है पढ़ाई
बता दें कि भारत विदेश सचिव विक्रम मिसरी का जन्म श्रीनगर में हुआ था। यहीं पर उनकी शुरुआती शिक्षा भी हुई। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मिसरी ने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल (Scindia School Gwalior) से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। यानी अपने शिक्षा और करियर(Education Career) के महत्वपूर्ण दिन उन्होंने ग्वालियर में बिताए हैं। यहां से पढ़ाई के बाद वे आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज चले गए और यहां से इतिहास में ऑनर्स से स्नातक किया।