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भोपाल

एमपी के 29 जिलों की हवा में ‘जहर’, Pollution Control Board का चौंकाने वाला खुलासा

MP News: मध्य प्रदेश के 29 जिलों में वायु प्रदूषण को रोकने के खोखले दावे, आबोहवा में सुधार होने के बजाय बिगड़ गए हालात, AIQ लेवल बढ़ा, सबसे स्वच्छ इंदौर भी शामिल, 29 जिलों में हवा में घुलते जहर की स्थिति बयां करती सुनील मिश्रा की रिपोर्ट….

भोपालAug 11, 2025 / 11:42 am

Sanjana Kumar

Air Pollution at risk MPPCB Big Revealed for 29 Districts of MP

Air Pollution at risk MPPCB Big Revealed for 29 Districts of MP(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: मध्य प्रदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे इंतजाम और उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। वर्ष 2024-25 में पिछले साल की तुलना में 29 जिला मुख्यालयों की आबोहवा सुधरने के बजाय और बिगड़ गई। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुधरने के बजाय और बढ़ गया है। इनमें देश का सबसे स्वच्छतम शहर इंदौर भी शामिल है। हालांकि भोपाल में सुधार हुआ है। खास बात यह है कि आदिवासी बहुल जिलों आलीराजपुर, डिंडोरी, उमरिया, बैतूल में भी एक्यूआइ घटने के बजाय बढ़ रहा है। छोटे जिलों में भी अब तेजी से विकास कार्य होने और मापदंडों का पालन नहीं होने से यहां की हवा में भी प्रदूषण घुलता जा रहा है। चौंकाने वाला यह खुलासा (Shocking Revelation) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MP Pollution Control Board) ने किया है।

यह है वजह

प्रदूषण के लिए पराली और नरवाई जलाने के साथ ही निर्माण कार्य और खराब सड़कें मुख्यत: जिम्मेदार मानी जा रही हैं। धूल उड़ती है और वातावरण में पीएम-10 और पीएम 2.5 बढ़ जाता है। यह खुलासा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है। अधिकारियों के अनुसार जिलों में संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र द्वारा सूचित किया गया है।

यह दिए सुझाव

डीजल वाले वाहनों कीसंख्या में कमी लाई जाए।

पुराने वाहनों के आवागमनपर रोक लगाई जाए।

घरेलू कचरे को जलाने परसख्ती से रोक लगाई जाए।

भवन निर्माण स्थलों पर टीनया ग्रीन नेट की व्यवस्था हो।
किसानों द्वारा नरवाई जलानेपर सख्ती से रोक लगाई जाए।

2023-24 और 2024-25 में औसत AQI

जिला – पहले – अब

सिंगरौली 135 154

इंदौर 113 114

धार 109.76 112

बैतूल 106 121
रतलाम 106 114

रायसेन 99 102

हरदा 99 103

सागर 89 90

सिवनी 82 88

मंडला 79 90

बालाघाट 78 86

खरगोन 77 90

अशोकनगर 77 78
आलीराजपुर 74 77

जिला – पहले – अब

शिवपुरी 74 79

मुरैना 72 77

श्योपुर 66 76

मंदसौर 64 70

आगर 61 66

डिंडोरी 61 63

उमरिया 60 63
भिंड 59 66

अनूपपुर 58 69

निवाड़ी 58 62

छतरपुर 57 63

टीकमगढ़ 56 57

दमोह 51 73

रीवा 51 64

(मैहर जिले में 45 से बढ़कर 65 हो गया एक्यूआइ)

2025-26 तक 40% कमी करने का है लक्ष्य

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देश के 131 शहरों को नॉन अटेनमेंट सिटी घोषित किया गया है। इनमें मध्यप्रदेश के सात शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और देवास शामिल हैं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में इन सातों शहरों की वायु में पीएम-10 की स्थिति सुधरने का दावा किया गया है। दावे के अनुसार सबसे ज्यादा 27 फीसदी सुधार जबलपुर में आया है, जबकि सबसे कम 5 प्रतिशत सुधार देवास में आया है। वर्तमान में वर्ष 2025-26 तक पीएम-10 के स्तर में 40 प्रतिशत तक कमी या राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की उपलिब्ध हासिल करने का संशोधित लक्ष्यनिर्धारित किया गया है।

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