फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मर्केंडाइज एक्सपोर्ट में एमपी का योगदान 66218 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। स्पेशल इकोनामिक जोन में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों ने राज्य के एक्सपोर्ट पोर्टफोलियो में 4038 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार फार्मास्यूटिकल, गारमेंट, इंजीनियरिंग गुड्स और सोया आधारित कृषि उत्पाद मिलाकर मध्यप्रदेश ने विश्व बाजार के प्रतिमानों के अनुसार निर्यात रैंकिंग में बढ़ोतरी की है। इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास बढ़ने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात में मध्यप्रदेश की रैंकिंग 15 से 11 हो गई है।
एमपी के लिए सबसे बड़ा मार्केट यूएस
मध्यप्रदेश को मुख्य रूप से बांग्लादेश, फ्रांस, यूएई और नीदरलैंड में निर्यात का बड़ा मार्केट मिला है। फार्मास्यूटिकल और मशीनरी के निर्यात में एमपी के लिए सबसे बड़ा मार्केट यूएस है। एमपी का निर्यात पिछले छह सालों से लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2019-20 में 37692 करोड़ रुपए, 2020-21 में 47959 करोड़ रुपए, 2021-22 में 58407 करोड़ रुपए, 2022-23 में 65878 करोड़ रुपए, 2023-24 में 65255 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ था।
प्रदेश का धार जिला निर्यात में प्रथम
एमपी से वर्ष 2024-25 में सबसे ज्यादा 11968 करोड़ रुपए के फार्मास्यूटिकल्स, 6062 रुपए के एनिमल फीड का निर्यात हुआ। प्रदेश का धार जिला निर्यात में प्रथम रहा। यहां से मुख्य रूप से गारमेंट और टेक्सटाइल का निर्यात हुआ। धार से 17830 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ। इंदौर जिला से 13500 करोड़ का निर्यात हुआ। यहां से फार्मास्यूटिकल, ऑटोमेटिक और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से निर्यात हुआ। उज्जैन से भी 2288 करोड़ रुपए का इंडस्ट्रियल, कृषि आधारित उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद आदि का निर्यात हुए। देश के कुल निर्यात में भी मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ गया है। पिछले साल तक फार्मास्यूटिकल, एनिमल फीड, मशीनरी, एल्यूमिनियम और टेक्सटाइल प्रथम पांच निर्यात सेक्टरों में शामिल थे।