पत्थरबाजी और कांच की बोतलें, कई घायल
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, झड़प के दौरान छतों से कांच की बोतलें फेंकी गईं और दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। इस हिंसा में चार लोगों को चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
आगजनी में दुकानें और वाहन जलाए गए
उपद्रवियों ने मौके पर मौजूद कई वाहनों और एक दुकान में आग लगा दी। एक मोटरसाइकिल भी पूरी तरह जलकर खाक हो गई। सरपंच राम सिंह सैनी का आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने पहले पथराव किया और फिर खुद ही आगजनी की, ताकि माहौल को सांप्रदायिक रंग दिया जा सके।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
हिंसा की सूचना मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। स्थिति बेकाबू होती देख आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। पूरे इलाके की घेराबंदी कर चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। डीएसपी रैंक के अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद रहे और हालात पर नजर रखी।
स्थिति पर नियंत्रण, अफवाहों से बचने की अपील
नूंह पुलिस ने बताया कि यह घटना महज गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुई थी, जिसे बाद में कुछ तत्वों ने हिंसक बनाने की कोशिश की। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और यातायात बहाल कर दिया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है।
आरोपियों की तलाश जारी
फिरोजपुर झिरका पुलिस ने घायलों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले में अभियोग दर्ज कर लिया गया है। हिंसा में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। नूंह के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। पुलिस का कहना है कि हिंसा और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नूंह की हिंसा का पुराना इतिहास
नूंह जिला पहले भी सांप्रदायिक हिंसा का गवाह बन चुका है। 2023 में बृजमंडल यात्रा के दौरान यहां बड़ा दंगा भड़क गया था। उस दौरान 3 दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था, पुलिस पर पथराव किया गया और साइबर थाना पर हमला किया गया। इस हिंसा में 7 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। उस मामले में 61 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से कुछ में UAPA जैसी सख्त धाराएं भी लगाई गई थीं।