ड्रोन्स की मदद से किया जाएगा सर्वे, लिए जा रहे सुझाव
इसके आधार पर वह सीमा निर्धारण के लिए काम शुरु करेगा, जो कि सैटेलाइट इमेजनरी, ड्रोन सर्वे समेत अन्य माध्यमों से सर्वे कर तकनीकी रिपोर्ट देगा। आयोग भी नागरिकों व जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर प्रशासनिक इकाइयों की जरुरतों के आधार पर रिपोर्ट को परखेंगे। तब कहीं सरकार के सामने संयुक्त रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर माननीयों की मनमानी नहीं चलेगी। पूर्व में कुछ माननीय राजनीतिक लाभों के लिए इस तरह का दबाव बनाते रहे हैं। बड़े स्तर पर प्रशासनिक इर्कायों की सीमाओं में सामने आ रही खामियों में एक बड़ी वजह यह भी सामने आ रही है। यही वजह है कि आइआइपीए को शामिल करने की जरूरत महसूस हुई।
आयोग में तीन सदस्य, अध्यक्ष नहीं
वर्तमान में आयोग के पास तीन सदस्य हैं। सेवानिवृत्त एसीएस एसएन मिश्रा, सेवानिवृत्त आइएएस अक्षय सिंह और सेवानिवृत्त आइएएस मुकेश कुमार शुक्ला। आयोग में अध्यक्ष अब तक किसी को नहीं बनाया गया है।
20 जिलों में बैठक
राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आयोग ने काम शुरु कर दिया है। 20 जिलों में अधिकारी पहुंच चुके हैं। पोर्टल पर सुझाव मांगे जाने लगे हैं। जनप्रतिनिधि भी आयोग के कार्यालय पहुंचकर क्षेत्र की जानकारी साझा कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्राथमिक आधार पर संकलित किए गए डेटा का मिलान भी शुरु कर दिया है, लेकिन यह सब पर्याप्त नहीं है। आगे तकनीकी दक्षता के साथ काम करना होगा, इसलिए आइआइपीए जैसे संस्थानों की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है।
30 को शाजापुर में अगली बैठक
आयोग लगातार जिलों में बैठकें कर रहा है। अगली बैठक 30 जुलाई को शाजापुर में होगी। इसमें आयोग के सदस्य व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे। नागरिकभी बैठक में सुझाव दे सकेंगे।
आम नागरिक देसकते हैं सुझाव
आयोग ने ऑनलाइन सुझाव मांगने शुरु कर दिए हैं। पोर्टल mpaurc.mp.gov.in पर पब्लिक एप्लीकेशन नामक विकल्प के जरिए प्रशासनिक इकाई की भौतिक सीमा से जुड़े सुझाव दिए जा सकते हैं।
अब तक आयोग अकेले कर रहा था काम
यह काम आयोग स्वयं के स्तर पर कर रहा था। काम को और आधुनिक तरीके से करने के लिए किसी भारतीय संस्थान की मदद लेने पर विचार किया गया था। इसमें आइआइपीए का नाम पहले आया। यह संस्थान वर्षों से इस तरह के काम में दक्ष है। तकनीकी और विश्लेषकों की टीम है।