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भीलवाड़ा

टेक्सटाइल और परिधान निर्यात में 30 से 45 प्रतिशत तक उछाल की उम्मीद

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से खुली राह
भीलवाड़ा के लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा, 45 प्रतिशत तक बढ़ सकता है टेक्सटाइल निर्यात

भीलवाड़ाJul 26, 2025 / 08:33 am

Suresh Jain

Textile and apparel exports expected to jump by 30 to 45 percent

Textile and apparel exports expected to jump by 30 to 45 percent

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने भारतीय वस्त्र और परिधान (टेक्सटाइल) उद्योग के लिए एक नई दिशा खोल दी है। इसके तहत अब भारतीय वस्त्र उत्पादों पर ब्रिटेन में लगने वाला 8 से 12 प्रतिशत तक का आयात शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ देशभर के प्रमुख टेक्सटाइल उद्योगों के साथ-साथ भीलवाड़ा के लघु और मध्यम उद्योगों को भी मिलने की उम्मीद है।
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष शंभुप्रसाद काबरा ने बताया कि यह समझौता भारतीय वस्त्र उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे भारतीय निर्यातकों को बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों के समकक्ष प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। इन्हें पहले से ही ब्रिटेन में शून्य शुल्क की सुविधा प्राप्त थी।
इस समझौते से भारतीय टेक्सटाइल और परिधान निर्यात में 30 से 45 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है। इससे 2030 तक देश को 500 डालर मिलियन से 800 डालर मिलियन की अतिरिक्त आय हो सकती है। तिरुपुर, सूरत, लुधियाना और मुरादाबाद जैसे प्रमुख टेक्सटाइल केंद्रों के साथ-साथ भीलवाड़ा जैसे उभरते टेक्सटाइल हब को भी इससे बड़ा फायदा मिलेगा।
एमएसएमई को होगा प्रत्यक्ष लाभ

काबरा ने बताया कि शून्य शुल्क की सुविधा से लघु और मध्यम उद्यमों की लागत में 4 से 16 प्रतिशत तक की बचत हो सकेगी। इससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
कुछ चुनौतियां भी रहेंगी सामने

काबरा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस समझौते का लाभ उठाने के लिए भारतीय उत्पादकों को ब्रिटेन के गुणवत्ता मानकों जैसे ओईकेओ, टीइएक्स और बीसीआई का पालन करना अनिवार्य होगा। साथ ही डिजिटल प्रमाणन, कुशल लॉजिस्टिक्स और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने की जरूरत भी रहेगी।
टेक्सटाइल उद्योग के लिए सुनहरा मौका

भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ समझौता हमारे टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक सुनहरा अवसर है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम किस प्रकार अपनी गुणवत्ता, तकनीक और सप्लाई चेन को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढाल पाते हैं।
महेश हुरकुट, प्रदेश उपाध्यक्ष लद्यु उद्योग भारती

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