जिला समग्र शिक्षा कार्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिले के सभी प्रधानाचार्यों, संस्था प्रधानों व पीईईओ को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके विद्यालय भवन सुरक्षित हैं और किसी भी प्रकार की जर्जर स्थिति में नहीं हैं।
इन बिन्दुओं पर करनी होगी पालना
- विद्यालय की छतों की साफ-सफाई हो. छत पर मलबा या जलभराव नहीं हो।
- जहां निर्माण कार्य चल रहा है, वहां सामग्री व्यवस्थित रखवाकर पानी के भराव को रोकें।
- विद्यालय परिसर में मौजूद गड्ढों को भरवाकर समतल करें।
- छत से पानी रिसाव या भवनों में दरारों की स्थिति में कनिष्ठ अभियंता से मरम्मत करवाएं।
- बारिश के मौसम में ज़हरीले जीवों से सुरक्षा के सभी इंतजाम सुनिश्चित करें।
- क्षतिग्रस्त खिड़की-दरवाजों की मरम्मत, शौचालय और नलों की व्यवस्था दुरुस्त करें।
- जर्जर कमरों का उपयोग पूरी तरह बंद कर उन्हें ताला लगाकर चेतावनी चस्पा करें।
- जमीदोज भवनों के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव सीबीईओ कार्यालय के माध्यम से भेजे।
- परिसर की घास कटवाना, पौधारोपण के समय जीव-जंतुओं से सतर्कता और विद्युत तारों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए।
लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिला समग्र शिक्षा की अतिरिक्त परियोजना समन्वयक ने निर्देश दिए हैं कि सभी बिंदुओं की जिम्मेदारी संस्था प्रधानों की होगी। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो उसकी समस्त जवाबदेही संबंधित प्रधानाचार्य की मानी जाएगी।
भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम शिक्षा विभाग की ओर से उठाया गया यह कदम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस तरह के आदेश स्कूलों में समय पर मरम्मत और रखरखाव कार्य को गति देंगे और संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।