गुर्जर ने डीजीपी को पत्र लिखकर उल्लेख किया कि अफसर पेशी के दौरान साक्ष्य के लिए सहयोग नहीं करते। दो साल में 19 बार बुलाया, एक बार भी हाजिर नहीं 13 सितबर 2017 को पुर थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी अनिल जैमनी ने कार से 59 किलो डोडा चूरा बरामद किया। मामले में जैमनी को 25 जुलाई 2023 से अब तक 19 बार तलब किया। जैमनी को नहीं भेजकर जयपुर डीसीपी आनंद ने हर बार कानून व्यवस्था डयूटी में व्यस्त बताने की अर्जी भेज दी। जैमनी वर्तमान में जयपुर में सांगानेर सदर थाने में तैनात है। जैमनी को गिरतारी वारंट से तलब कर 12 मई को हाजिर होने के आदेश दिए। प्रकरण में अंतिम गवाह है।
ना आइओ आया, ना जब्ती अधिकारी 12 जुलाई 2018 को सुभाषनगर थाने के तत्कालीन प्रभारी भजनलाल ने दो जनों को गिरतार कर उनसे 24 किलो गांजा बरामद किया। वर्तमान में सीआइ भजनलाल जयपुर में डीसीपी कार्यालय में पदस्थापित है। यह भी गवाही देने नहीं आ रहे। जब्ती अधिकारी रहे उपनिरीक्षक रामनारायण भी पेशी पर नहीं आए। रामनारायण नागौर जिले के खींवसर थानाप्रभारी है। नागौर एसपी टोगस उपनिरीक्षक को पेशी पर नहीं भेज रहे। सीआइ और उपनिरीक्षक के खिलाफ दस्ती जमानती पुन: जारी किया है। स्पेशल पीपी को 9 मई को साक्ष्य के लिए दोनों अधिकारियों को अपने स्त पर उपिस्थत रखने के आदेश दिए। गवाहों के नहीं आने पर साक्ष्य बंद कर दिया जाएगा।