जर्जर अवस्था में हीरादास केन्द्रीय बस स्टैण्ड स्थित कार्यालय
हीरादास केन्द्रीय बस स्टैण्ड स्थित कार्यालय जर्जर अवस्था में है। इसकी छत क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। छत से कंक्रीट के टुकड़े उखड़कर गिर रहे हैं। इससे कई यात्री बाल-बाल बचे हैं।केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर रहती है दिनभर भीड़
केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर दिनभर लोगों की भीड़ रहती है। छत का मरमत कार्य नहीं होने से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। बस स्टैंड भवन की छत जर्जर हो चुकी है। वहीं दीवारें में भी जगह-जगह से दरारें पड़ गई हैं, जिससे वह गिरने की कगार पर पहुंच गई है। वर्तमान भवन की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भवन कभी भी धराशाई हो सकता है। हालांकि अब यहां यात्रियों का आवागमन रोक दिया गया है, जिससे यहां आने वाले यात्री सुरक्षित हो सकें। रविवार को बस स्टैण्ड का अनिता बडसीवाल जोनल मैनेजर भरतपुर जोन की ओर से जितेन्द्र यादव कनिष्ठ अभियंता सिविल शाखा के साथ हीरादास बस स्टैण्ड की इमारत का निरीक्षण किया।क्षतिग्रस्त एरिया में बेरीकेडिंग लगाने के निर्देश
इस दौरान बस स्टैण्ड की छत कई जगह से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण रोडवेज प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से क्षतिग्रस्त एरिया की बेरीकेडिंग लगाकर यात्रियों को वहां जाने से रोककर किसी भी प्रकार का आवागमन नहीं होने देना सुनिश्चित किया गया।वर्कशॉप से चलेंगी बसें – राकेश सैनी
लोहागढ़ आगार के मुख्य प्रबंधक राकेश सैनी ने बताया कि रोडवेज मुख्यालय की टीम ने रविवार को निरीक्षण कर बस संचालित करने के लिए जगह देखी। संभावना है कि असुरक्षित भवन को देखते हुए अब बसों का संचालन वर्कशॉप से किया जाएगा। यहां बुकिंग खिड़की बनाकर यात्रियों को यात्रा के लिए सहूलियत दी जाएगी। हालांकि टीम सोमवार को जयपुर पहुंचकर उच्चाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देगी।एक नजर में यात्रा
1- 350-400 बसें संचालित होती हैं प्रतिदिन।2- 150 बस लोहागढ़ एवं भरतपुर डिपो की।
3- 40-50 गाड़ी जयपुर-अलवर आदि स्थानों से पहुंचती हैं।
4- 100-150 गाड़ियां यूपी और हरियाणा से आती हैं।
5- 30 हजार यात्रियों का प्रतिदिन होता है मूवमेंट।