नकली कीटनाशक के लिए खरीदे जा रहे थे खाली रैपर
पुलिस ने गोदाम संचालक अर्पण अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। जांच में सामने आया है कि सिजेंटा (Syngenta), एफएमसी इंडिया (FMC India), कोर्टेवी (Corteva), धानुका (Dhanuka), वायरक्रॉप और पायनियर जैसी नामी कृषि कंपनियों के प्रोडक्ट रैपर बड़ी संख्या में वहां रखे गए थे।
बरामद रैपर की संख्या:
वर्टाको: 600 फरटेश: 1900 फराडन: 88 फरटेरा: 1700 पायनियर: 920 कलडान: 234 लिसेंटा: 51 यह संदेह जताया जा रहा है कि इन खाली रैपरों का उपयोग नकली कीटनाशक उत्पादों के निर्माण और वितरण में किया जाना था।
गोदाम मालिक अर्पण अग्रवाल पर दर्ज हुई एफआईआर
ट्रू बडी कंसल्टिंग प्रा. लि. के सहायक प्रबंधक प्रेमचंद शर्मा की तहरीर पर अर्पण अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह रैपर पूरी तरह अवैध हैं और इनका उपयोग केवल मूल निर्माण कंपनियों द्वारा किया जा सकता है।
नकली दवा निर्माण का बड़ा नेटवर्क सामने आने की संभावना
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, नकली कीटनाशक बनाने वाले गिरोह इन रैपरों को बाजार से खरीदते हैं और उनके जरिए नकली उत्पादों को असली ब्रांड की तरह पैक करके किसानों को बेचते हैं। यह न केवल किसानों की फसलों के लिए खतरनाक है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा पर भी सीधा हमला है।
पूछताछ जारी, रैपर सप्लाई चैन की जांच में जुटी पुलिस
बारादरी पुलिस अर्पण अग्रवाल से पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन रैपरों को किससे खरीदा गया और आगे किसे सप्लाई किया जाना था। इस नेटवर्क में और भी व्यापारी या फैक्ट्री शामिल हो सकते हैं, जिन पर पुलिस की नजर है।