शनिवार रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के खिलाफ झूठा और भड़काऊ बयान देकर तनाव को और हवा देने की कोशिश की। करीब 30 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में शरीफ ने दावा किया कि भारत ने पहले हमला शुरू किया, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने चंद घंटों में ही भारत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, “अल्लाह के करम से हमारी सेना ने ऐसा तूफान बरसाया कि भारत चीख उठा।” शरीफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपनी सीमा और सम्मान की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक लड़ेगा और इस जंग को अंजाम तक पहुंचाएगा। उन्होंने संघर्ष रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और समर्थन के लिए सऊदी अरब, तुर्किए और चीन का आभार जताया, साथ ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की तारीफ में कसीदे पढ़े।
हैरानी की बात यह है कि शहबाज का यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ घंटे पहले ही युद्धविराम की घोषणा के बाद आया। दोनों देशों के सैन्य अभियान निदेशकों (DGMO) ने शनिवार को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई थी, जिसका ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर किया था। हालांकि, रात 8:30 बजे दोनों देशों ने एक-दूसरे के क्षेत्र में ड्रोन देखे जाने की बात कही। पाकिस्तान ने दावा किया कि पेशावर में ड्रोन दिखने के बाद उसने अपना वायु रक्षा तंत्र सक्रिय कर दिया।
पहलगाम हमले पर पाकिस्तान की सफाई
शहबाज ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की आड़ में पाकिस्तान पर हमला किया। उन्होंने दावा किया कि यह आरोप बेबुनियाद है और पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है, जिसने हमले की जांच में सहयोग की पेशकश की थी। शरीफ ने कहा कि भारत ने कानून और समझदारी का रास्ता नहीं अपनाया, बल्कि उकसावे की कार्रवाई की। यह दावा उस समय आया जब भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
शहबाज ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है। उन्होंने दावा किया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने 90 हजार लोगों की जान गंवाई और 152 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान सहा। यह बयान भारत के उन आरोपों के जवाब में आया, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश बताया जाता रहा है।
पाकिस्तानी सेना की तारीफ में कसीदे
शरीफ ने अपनी सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की और कहा, “दुश्मन निहत्थे लोगों पर हमला करके खुद को ताकतवर समझ रहा था, लेकिन पाकिस्तान मुंहतोड़ जवाब देना जानता है। हमारी वायुसेना ने अपनी सीमा में रहते हुए दुश्मन के विमानों के परखच्चे उड़ा दिए।” यह दावा तब आया जब भारत ने नगरोटा मिलिट्री स्टेशन पर संदिग्ध घुसपैठ को नाकाम किया और श्रीनगर में पाकिस्तानी ड्रोनों को रोकने के लिए वायु रक्षा तंत्र सक्रिय किया।
शहबाज शरीफ का यह भड़काऊ बयान न केवल दोनों देशों के बीच बनी युद्धविराम की सहमति को कमजोर करता है, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए भी खतरा पैदा करता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सीमा पर किसी भी उल्लंघन का कड़ा जवाब देगा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति पर अडिग रहेगा। पाकिस्तान के इस दोहरे रवैये ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह शांति की बात तो करता है, लेकिन उकसावे की कार्रवाइयों से बाज नहीं आता।