बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के तहत आने वाले सी, डी और ई श्रेणी के विभागों का अलग से जिक्र किया और संबंधित अफसरों को रैंकिंग सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों से कहा कि जो भी लक्ष्य शासन से मिले हैं, उन्हें शत-प्रतिशत हर हाल में पूरा करें।
गन्ना भुगतान में लापरवाही पर फटकार
समीक्षा में जब गन्ना किसानों के भुगतान की बात आई तो जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर भुगतान मिलना चाहिए। साथ ही निर्देश दिए कि डीएपी और यूरिया की उपलब्धता में कोई दिक्कत न हो। वहीं बैठक में एमएसएमई योजना की स्थिति पर भी बात हुई। जिलाधिकारी ने उपायुक्त उद्योग को निर्देश दिए कि छोटे और मध्यम कारोबारियों को समय से ऋण मिले, इसके लिए व्यवस्था दुरुस्त करें।
मिड-डे मील की गुणवत्ता पर भी निगाह
अफसरों को निर्देश दिए गए कि वो सीएचसी, पीएचसी और सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करें। मिड-डे मील में जो खाना बच्चों को दिया जा रहा है, उसकी गुणवत्ता भी खुद जाकर जांचें। खराब खाना मिलने की स्थिति में संबंधित को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
खनन विभाग पर जमकर बरसे डीएम
बैठक में जब खनन विभाग की बात आई तो जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि खनन को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं और शासन स्तर तक इसका संज्ञान लिया गया है। उन्होंने साफ कहा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जल्द सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई तय है। बैठक में एडीएम प्रशासन पूर्णिमा सिंह, एडीएम वित्त संतोष कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग विकास यादव, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी समेत सभी एसडीएम और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।