Banswara : लोढ़ी काशी में सावन में गूंजेगा 5 करोड़ पंचाक्षर महामंत्र का जाप, जानकर आश्चर्य होगा ऊं नम: शिवाय लेखन 48 करोड़ तक पहुंचा
Banswara : लोढ़ी काशी बांसवाड़ा में रामचरित मानस मंडल प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘ऊं नम: शिवाय’ महामंत्र के जाप का आयोजन कर रहा है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि ऊं नम: शिवाय लेखन 48 करोड़ तक पहुंच गया है।
लोढ़ी काशी बांसवाड़ा में वनेश्वर शिवालय। फोटो पत्रिका
Banswara : बांसवाड़ा में श्रावण मास का आगमन होते ही पूरे क्षेत्र में भक्ति और श्रद्धा का माहौल छा गया है। हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व होता है, विशेषकर भगवान शिव की आराधना के लिए। इसी कड़ी में लोढ़ी काशी बांसवाड़ा में रामचरित मानस मंडल द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘ऊं नम: शिवाय’ महामंत्र के जाप का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन श्रावण मास भर चलता है और इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को शिव भक्ति से जोड़ना है। यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है।
वनेश्वर शिवालय स्थित मानस भवन में 2006 से यह कार्यक्रम विश्वम्भर दास फलाहारी महाराज द्वारा शुरू किया गया था। उनका मानना था कि यह माला का जाप अनपढ़ एवं बुजुर्ग भी आसानी से कर सकते है। प्रथम वर्ष एक करोड़ जाप के लक्ष्य के मुकाबले ढाई करोड़ जाप हुए थे। 2022 में 10 करोड़, 2023 में साढ़े नौ करोड़ एवं 2024 में 11 करोड़ महामंत्र के जाप हुए।
31 जाप केन्द्र बनाए
संयोजक अमृतलाल पंचाल ने बताया कि ओम नम: शिवाय के 5 करोड़ महामंत्र जप के लक्ष्य को पूरा करने लिए ग्रामीण, नगर एवं जिले में विभिन्न 31 मन्दिरों को केन्द्र बनाया गया और उनके प्रभारियों की घोषणा की गई। माला जाप के लिए आसन, गोमुखी, मालाएं व गणिकाओं के साथ अंकन रजिस्टर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पंचाक्षर माला जाप नियुक्त प्रभारियों के सानिध्यता में प्रतिदिन प्रात: 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक जाप होगा। इसकी पूर्णाहूति 24 अगस्त को होगी। सात दिन में जाप का ब्यौरा मानस भवन में अंकित करवाया जाएगा। हर केन्द्र पर अधिक से अधिक माला जाप करने वाले श्रद्धालु को पूर्णाहुति के दिन मानस भवन में सम्मानित किया जावेगा।
48 करोड़ पहुंचा ‘ऊं नम: शिवाय’ लेखन
मानस मण्डल के अध्यक्ष महेश पंचाल ने बताया कि मंडल द्वारा 2007 से मंत्र जप के साथ-साथ ‘ऊं नम: शिवाय’ लेखन का भी चलाया जा रहा है, जिसमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। लेखन कार्य वर्षभर चलता है। लोग मानस भवन से लेखन पुस्तिका प्राप्त कर वापस जमा करवाते हैं। अब तक 48 करोड़ लेखन संग्रहित हो गए हैं।
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