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अनूपपुर

मरीजों को दी जा रही दलिया और तीन रोटी, एक माह से सब्जी भी नहीं बदली

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों ने कहा- कम भोजन मिलने से नहीं भरता पेट, लगातार दी जा रही पत्ता गोभी व सोयाबीन की सब्जी

अनूपपुरJun 09, 2025 / 12:11 pm

Sandeep Tiwari

जिला चिकित्सालय में मरीजों को पौष्टिक भोजन देने की बजाय एक ही तरह का बे स्वाद और काफी कम मात्रा में खाना परोसा जा रहा है। मरीजों ने बताया कि दलिया और तीन रोटी दिया जाता है। इससे उनका पेट नहीं भरता है। वहीं सब्जी में भी बदलाव नहीं किया जाता है। पिछले करीब एक माह से पत्ता गोभी और सोयाबीन की सब्जी दी जा रही है। प्रतिदिन एक तरह का खाना मिलने से मरीज भी ऊब गए हैं। उनका कहना है कि यहां भोजन की निगरानी करने वाला कोई नहीं है, इसीलिए मनमर्जी की जा रही है। या तो घर से खाना मंगाना पड़ता है। या फिर बाजार से खरीदकर खाना पड़ता है।

पतली दलिया, तीन रोटी से नहीं भरता है पेट

उपचार के लिए दाखिल रंजीत ने बताया कि प्रतिदिन तीन रोटी, एक गिलास दलिया और पत्ता गोभी या फिर सोयाबीन की सब्जी दी जाती है। मरीज ने बताया कि वह बीते 20 दिनों से अधिक समय से यहां दाखिल है। प्रतिदिन एक तरह का खाना दिए जाने से परेशान है। चिकित्सालय में इतना भी खाना नहीं दिया जाता है कि मरीज का पेट भर सके।

अस्पताल में मरीजों को दूध भी नहीं मिलता

उपचार के लिए दाखिल मरीज विनोद कुमार निवासी राजेंद्रग्राम ने बताया कि जिला अस्पताल में किसी तरह का पौष्टिक खाना तो दूर मरीजों को दूध तक नहीं दिया जाता है। प्रतिदिन रोटी और दलिया खा-खा कर मरीज भी परेशान हो रहे हैं। यदि प्रतिदिन सब्जी बदल कर दी जाए तो मरीजों को भी खाना बेहतर लगे, लेकिन ऐसा नहीं होता है।

चावल नहीं मिलने से होती है परेशानी

उपचार के लिए दाखिल सोनहा निवासी मोहन यादव ने बताया कि चावल मरीज को नहीं दिया जाता है। उसकी जगह दलिया दिया जाता है। दलिया से पेट नहीं भर पा रहा है, जिसके कारण घर से खाना मंगाना पड़ता है या फिर होटल से खाना खरीद कर खाना पड़ता है। चिकित्सालय से मिलने वाला खाना मरीजों के किसी काम का साबित नहीं हो रहा है।

दलिया और रोटी की मात्रा काफी कम

चोलना निवासी मरीज बसंत कुमार ने बताया कि मरीज को खाने में दिए जाने वाले दलिया और रोटी की मात्रा काफी कम होती है जिससे मरीज का पेट भी नहीं भर पाता है। इसके कारण गरीब तबके के लोगों को अपना राशन खुद ही लेकर आना पड़ता है और चिकित्सालय परिसर में वह खाना बनाकर खाने के लिए मजबूर होते हैं।
आज ही मैंने सिविल सर्जन का चार्ज लिया है। जानकारी लेते हुए लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. एसआर परस्ते, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय, अनूपपुर

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