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8 दशक पुराना एग्रीमेंट बना Plane Crash की जांच में बड़ा सहारा, सच्चाई का जल्द होगा खुलासा

Air India Plane Crash हादसे की जांच में 15 जून को नया मोड़ आया, जब अहमदाबाद एयरपोर्ट में इस देश की एजेंसी के लोग दिखे।

भारतJun 17, 2025 / 08:18 pm

Ashish Deep

Air India plane crash in Ahmedabad

Air India plane crash in Ahmedabad (Photo – ANI)

Gujarat Plane Crash : गुजरात में 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास 241 हवाई यात्रियों और क्रू के सदस्यों की Air India Plane Crash में जान चली गई थी। इसके बाद परिवार वाले अपने सदस्यों के बारे में जानकारी लेने अहमदाबाद पहुंचने लगे। लेकिन बीते रविवार को कुछ ऐसा हुआ, जो चौकाने वाला था।

कई देशों की एजेंसियां कर रहीं जांच

15 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर कई देशों की अंतरराष्ट्रीय एविएशन एजेंसियां पहुंचीं, जो Air India Plane Crash की जांच में हाथ बंटाने आई थीं। इनमें अमेरिका के National Transport Safety Board के प्रतिनिधि भी शामिल थे। यह अमेरिका की सबसे पेशेवर ट्रांसपोर्ट एक्सीडेंट जांच एजेंसी है। उनके साथ Federal Aviation Administration (FAA) के अफसर भी आए हैं, जो अमेरिका के नागरिक उड्डयन नियामक से जुड़े हैं।

बाहर की जांच एजेंसियों की क्यों पड़ी जरूरत?

इसके बाद सवाल उठने शुरू हो गए कि क्यों विदेशी एजेंसियों को भारतीय धरती पर Air India Plane Crash की जांच की इजाजत दी गई? दरअसल इसके लिए 78 साल पुराना अंतरराष्ट्रीय एग्रीमेंट यानी शिकागो कन्वेंशन जिम्मेदार है, जो उड़ान के हर पहलू को गवर्न करता है। यह कन्वेंशन International Civil Aviation के लिए है, जिसे Chicago Convention कहते हैं। इसे 1944 में World War II के समय कई देशों ने साइन किया गया था। इसके अनुसार दुनिया के हर देश एविएशन के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हैं, इसलिए हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक जिम्मेदारी को आपस में बांटा गया है।
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भारत-अमेरिका रहे हैं कन्वेंशन में साझीदार

संयुक्त राष्ट्र की संस्था International Civil Aviation Organisation हालांकि इसे दरकिनार करती है, लेकिन भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत इसके 193 सदस्यों ने शिकागो कन्वेंशन के नियमों का पालन करने पर सहमति जताई है। इस कन्वेंशन का Annex 13 सबसे ज्यादा जरूरी है, जिसमें विमान दुर्घटना की जांच में अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही गई है। Annex 13 का चैप्टर 5 बताता है कि एयरक्राफ्ट दुर्घटना की सार्वजनिक जांच के यह मायने नहीं कि किसी पर आरोप लगाया जाए या जिम्मेदारी थोपी जाए बल्कि हवाई सुरक्षा को कैसे मिलकर सुनिश्चित किया जाए, यह उद्देश्य होता है।

कौन भाग ले सकता है इस जांच में

चैप्टर 5 के अनुसार जिस देश में दुर्घटना हुई है (State of Occurance), उसकी जिम्मेदारी है कि वह हवाई दुर्घटना की जांच करे। इस दुर्घटना में जिस देश का किसी भी तरह का संबंध है (State of Registry), उसके जांचकर्ता भागीदार बन सकते हैं (State of Manufacturer व State of Design)। इसमें एयरक्राफ्ट जहां रजिस्टर्ड है, जहां ऑपरेट कर रहा है, कहां बनकर तैयार हुआ है और कहां डिजायन हुआ है, शामिल हैं।

किसे क्या अधिकार

Air India Plane Crash भारत में हुआ तो देश को State of Occurance का अधिकार मिल गया। इसलिए दुर्घटना की जांच Aircraft Accident Investigation Bureau कर रहा है। यह भारत सरकार की एजेंसी है, जो सिविल एविएशन दुर्घटना की जांच करती है। State of Operator एयर इंडिया है, जो विमान को ऑपरेट करती है। State of Registry भी भारत ही है। State of Manufacturer व State of Design अमेरिका है, जहां दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान डिजाइन किया गया और फिर मैन्युफैक्चर। इसलिए दुर्घटना की जांच में अमेरिकी एजेंसियां मदद कर रही हैं।

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