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अनूपपुर

7 वर्ष में 337 को मिली सहायता, 52 लापता किशोरी और महिलाओं को अपनों से मिलाया

वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं को काउंसलिंग, परामर्श के साथ मिल रही विधिक सहायता

अनूपपुरJun 12, 2025 / 12:16 pm

Sandeep Tiwari

महिला बाल विकास विभाग से संचालित वन स्टॉप सेंटर ऐसी महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रहा है, जो विभिन्न समस्याओं से पीडि़त हंै। अनूपपुर में संचालित वन स्टॉप सेंटर ने बीते 7 वर्षों में 52 लापता महिलाओं और किशोरियों को उनके परिजनों से मिलाने का कार्य किया है। यह महिलाएं देश के विभिन्न राज्यों से भटक कर या तो यहां पहुंच गई या फिर मानसिक स्थिति सही नहीं होने के कारण यहां रखा गया। इसमें कुछ ऐसी युवती और किशोरिया भी हैं जो गुस्से में घर से निकल आई और वापस नहीं लौट पाई थी। उन्हें सहायता उपलब्ध कराते हुए वन स्टॉप सेंटर के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी ने उनके परिजनों तक पहुंचाने का कार्य किया है। वर्ष 2019 में 1, 2020 में 8, 2021 में 12, 2022 में 13, 2023 में 5, 2024 में 7 एवं 2025 में 6 लापता बालिका व युवतियोंं को पुलिस की सहायता से उनके घर तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। इन सभी मामलों में कुछ ऐसे भी केस हैं जिसमें अन्य भाषा बोलने के कारण ऐसे गुमशुदा संबंधी मामलों में दूसरे प्रांत से होने के कारण काफी परेशानी भी विभाग को उठानी पड़ी।

337 मामलों उपलब्ध कराई विधिक सहायता

वन स्टॉप सेंटर में बीते 7 वर्षों में 337 मामले सुनवाई के लिए पहुंचे हैं। जिनमें कुछ घरेलू हिंसा के मामले, कुछ ससुराल में लड़ाई झगड़े और पारिवारिक विघटन के व मारपीट एवं प्रताडऩा के हैं। वन स्टॉप सेंटर के केस वर्कर ऐसी महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराते हैं। काउंसलिंग करने के साथ ही परामर्श व नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराते हैं। 2019 में 9, 2020 में 56, 2021 में 88, 2022 में 61, 2023 में 47, 2023 में 27, 2024 में 17, 2025 में अभी तक 58 मामलों में प्रारंभिक सहायता के बाद उन्हें विधिक सहायता प्रदान की गई।

रहने का इंतजाम नहीं होने पर की मदद

महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालित वन स्टॉप सेंटर में ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब पीडि़त महिलाओं के पास रहने की व्यवस्था न होने के कारण आश्रय सहायता उपलब्ध कराई गई। ज्यादातर ऐसे मामले दूसरे राज्यों के थे। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने यहां कोई भी परिचित न होने की बात बताई। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने उन्हें आश्रय सहायता उपलब्ध कराई। 2019 में दो, 2020 में 10, 2021 में 12, 2022 में 14, 2023 में 6, 2024 में 7, 2025 में 6 लोगों को आश्रय सहायता उपलब्ध कराई गई।

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