मैं प्रतिदिन दोपहर को 2.45 बजे ई-रिक्शा से महावर धर्मशाला में आकर शिव महापुराण की कथा सुनती हूं। इससे पहले घर के सभी जरूरी काम निपटा लेती हूं। कथा के बाद शाम को करीब 6:30 बजे बेटे के साथ घर जाती हूं। –
गंगा गुप्ता, साउथ वेस्ट ब्लॉक रोज की दिनचर्या से फ्री होकर मन में शिव महापुराण की कथा का जुनून रहता है, इसलिए जल्दी घर का काम निपटाती हूं। महावर धर्मशाला में कथा सुनती हूं। महापुराण सुनना हर महिला के लिए जरूरी है। –
सुनीता जैन, अलवर शहर घर-परिवार में अपने और भगवान के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। इसके बावजूद मैं कथा के लिए समय निकालती हूं। दोपहर २ बजे घर के काम निपटा लेती हूं। पहले मैं सीरियल देखती थी। –
विमला देवी, मोती नगर कथा का समय दोपहर का है, इससे पहले घर के सभी काम निपटा लेती हूं। बच्चों व पति को भी कथा सुनने के लिए साथ लाई हूं। शाम को कथा के बाद घर पहुंचकर फिर से घर के काम में जुट जाती हूं। –
संजना, खोहरा मौहल्ला