सांस लेने में कठिनाई
तीनों बच्चियों का वजन काफी कम था। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। डॉ. जांगिड़ के निर्देशन में उन्हें नवजात शिशु इकाई (एनआईसीयू) में भर्ती किया गया। प्रभारी डॉ. मनोज कुमार नागर की देखरेख में गहन चिकित्सा शुरू की गई। डॉ. नागर ने बताया कि तीनों बच्चियों को शुरू में बबल सीपेप मशीन से श्वसन सहायता प्रदान की गई। धीरे-धीरे सुधार होने पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट से हटा दिया गया और ट्यूब फीडिंग प्रारंभ की गई।
कंगारू मदर केयर तकनीक के अंतर्गत रखा
बाद में परिजन को कटोरी-चम्मच से दूध पिलाने की विधि सिखाई गई। प्री-मेच्योर शिशुओं की विशेष देखभाल के लिए तीनों को कंगारू मदर केयर (केएमसी) तकनीक के अंतर्गत रखा गया। इसमें मां, दादी और मौसी को भी शामिल कर नवजातों के संपर्क में लगातार बनाए रखा गया। इससे बच्चियों के स्वास्थ्य में तीव्र सुधार हुआ और वजन भी बढ़ा। तीनों बच्चियां के स्वास्थ्य में सुधार पर सोमवार को सकुशल घर भेज दिया गया।
इनका रहा सहयोग
बच्चियों के उपचार व देखरेख में डॉ. सविता मौर्य, डॉ. अखिलेश शर्मा, डॉ. लोकेश मीणा, डॉ. अभिषेक जैन तथा नवजात शिशु इकाई के नर्सिंग प्रभारी आलोक कुमावत, निखिल साहू, विमला मीणा, उदी धाकड़, दिव्या पाराशर, सुरेखा माली, दशरथ चौधरी, निर्मल मीणा, आशाराम कुमावत, मीना खटीक आदि का सहयोग रहा।