सोमवार व्रत का महत्व (Somvar Vrat Katha Mahatv)
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर व्रत और तपस्या की थी। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रेरणा से उन्होंने सोमवार व्रत रखा, इसके प्रभाव से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इसमें भी सावन सोमवार व्रत का महत्व अधिक है। इसलिए विवाहित महिलाएं अक्सर यह व्रत रखती हैं। मान्यता है कि सोमवार व्रत रखने से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है।मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से अविवाहित लड़कियां मनपसंद वर के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत में दिन भर उपवास रखा जाता है और शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। सावन के पहले सोमवार से यह व्रत शुरू होता है और कुल 16 सोमवार तक चलता है। भक्तिपूर्वक इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइये पढ़ते हैं सोमवार व्रत पूजा विधि क्या है।
सावन सोमवार व्रत पूजा सामग्री (Sawan Somvar Vrat Puja Samagri)
जल (गंगाजल हो तो बेहतर), दूध, शहद, दही, घी, चंदन, भस्म, बेलपत्र, धतूरा, पुष्प (विशेषकर सफेद फूल), धूप और दीपक, रुद्राक्ष माला, कपूर, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण), पानी, चावल, फ्रूट्स (फल), मिठाई, आसन (पूजा के लिए बैठने के लिए)
सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somvar Puja Vidhi)
1.सावन सोमवार को सुबह जल्दी उठें, स्वच्छ कपड़े पहनें, पूजा स्थल को साफ करें। भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। गणेश जी की पूजा से शुरुआत करें।7. शाम को फिर भगवान शिव की पूजा करें, व्रत कथा सुनें और रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें।