मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत हिंदू धर्म मानने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सोमवार की पूजा भगवान शिव को बहुत प्रिय है। मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अविवाहित लड़कियों को मनपसंद वर की प्राप्ति होती है और विवाहित महिलाओं को सुखद वैवाहिक जीवन और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।
सावन में करना चाहिए इन चीजों का दान (Lord Shiva Remedies Sawan Mein Dan)
सोमवार के दिन भगवान शिव को गंगाजल, दूध, घी, शक्कर के साथ अबीर, इत्र, अक्षत (चावल के साबूत दाने) समेत अन्य पूजन सामग्री अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही चीनी और दूध समेत सफेद चीजों का दान करना चाहिए। घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक करने का भी विशेष प्रावधान है।
सावन में शिव पूजा की विधि (Sawan Me Puja Vidhi)
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। 1.एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें, गंगाजल और दूध से अभिषेक करें, और बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं। लेकिन एकादशी के दिन भगवान शिव को अक्षत नहीं चढ़ाना चाहिए। 2. भोलेनाथ की पूजा के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए। 3. माता को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं। इसके साथ ही भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें और दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
4. इसके बाद ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। 5. व्रत के बाद, गरीबों, ब्राम्हणों के साथ ही जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
इन क्षेत्रों में कुछ दिन बाद शुरू होगा सावन
उत्तर भारत में सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं, इस बात का विशेष ध्यान रहे कि भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा जैसे दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में, अमांत कैलेंडर का पालन किया जाता है। जिस वजह से इन क्षेत्रों में सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 23 अगस्त को होगा।