विवाह के लिए भडल्या नवमी का मुहूर्त क्या है
पंचांग के अनुसार भडल्या नवमी की शुरुआत 3 जुलाई को दोपहर में 2:07 बजे से होगी और इसका समापन अगले दिन 4 जुलाई को शाम 4:33 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार 4 जुलाई को भडल्या नवमी मनाई जाएगी। यह दिन अक्षय तृतीया की तरह शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ज्योतिष में भडल्या नवमी स्वयंसिद्ध तिथि मानी जाती है। इस तिथि पर सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए किसी ज्योतिष से सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
ये भी पढ़ेंः सावन में इन 14 चीजों से बने शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व, जानें दही, गुड़ के अलावा कौन से हैं ये पदार्थ और क्या हैं फल इस सीजन का आखिरी विवाह मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार भडल्या नवमी इस सीजन का आखिरी विवाह मुहूर्त है। इस दिन आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी खत्म हो रही है। हालांकि इस समय गुरु अस्त चल रहे हैं, इसलिए मांगलिक कार्यों पर रोक लगी हुई है, फिर भी भडल्या नवमी को अबूझ मुहूर्त माने जाने से इस दिन काफी संख्या में विवाह होंगे।
इसके दो दिन बाद छह जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चार महीने के लिए सभी मांगलिक कार्य थम जाएंगे, जो एक नवंबर को देवों के जागने के साथ शुरू होंगे।
अद्ये कस्यापि मूढत्वे शुभकर्म न दोषकृत्। द्वयो मूढत्व मे प्रोक्तं दोषदं गुरुशुक्रयो:।।
ज्योतिष विद्वानों और शास्त्र के अनुसार अबूझ मुहूर्त में किसी प्रकार का पंचांग या मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है और इसमें गुरु या शुक्र तारा अस्त भी नहीं देखा जाता है।
भड़ली नवमी पर करें ये दान
इस नवमी पर गणेश जी, शिव जी और देवी दुर्गा की विशेष पूजा करनी चाहिए। जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, छाता, जूते-चप्पल, कपड़े का दान करना चाहिए।
ये भी पढ़ेंः घर में छिपकली का रहना शुभ या अशुभ, जानें वास्तु शास्त्र और प्रेमानंद महाराज से संकेत
गुरु तारा अस्त, जानें कब होगा उदय
ज्योतिषाचार्य शर्मा के अनुसार देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है। इसके बाद भगवान विष्णु के योग निद्रा में होने की वजह से अगले 4 महीने तक कोई भी मांगलिक काम नहीं किया जा सकता है। ऐसे में चातुर्मास शुरू होने से पहले शुभ काम करने का अंतिम दिन भडल्या नवमी तिथि को होता है। इसके पहले 12 जून यानी पिछले करीब 1 महीने से विवाह के कारक ग्रह देव गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में अस्त हैं। इनका उदय 9 जुलाई सुबह 4.54 बजे होगा।
इसके बाद अब 12 विवाह मुहूर्त ही शेष
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार इस वर्ष नवंबर में केवल सात दिन और दिसंबर में सिर्फ पांच दिन विवाह मुहूर्त हैं। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास होने से विवाह नहीं हो सकेंगे। विवाह मुहूर्त 15 दिसंबर से चार फरवरी तक भी नहीं होंगे। शुक्र ग्रह के उदित होने के बाद पांच फरवरी से शुरुआत होगी।