बुजुर्ग आबादी बढ़ी, युवा घट रहे
चीन में अब कुल आबादी का लगभग 21% हिस्सा 60 साल से ज्यादा उम्र का है। वहीं युवाओं की संख्या में तेजी से कमी आई है। इससे देश की अर्थव्यवस्था और कार्यबल दोनों पर दबाव बढ़ रहा है।
‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ का असर अब दिखने लगा
चीन की लंबे समय तक लागू रही ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ का असर अब साफ नजर आने लगा है। दशकों तक एक ही बच्चा होने की सरकारी नीति ने जन्मदर को तो रोका, लेकिन अब वही नीति जनसंख्या असंतुलन की वजह बन गई है।
सरकार ने बदली रणनीति
अब चीन न केवल दो बच्चों की अनुमति दे रहा है, बल्कि लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है। नई योजनाओं में आर्थिक सहायता, टैक्स छूट, और बेहतर मातृत्व सुविधाएं शामिल हैं। यह बदलाव खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में लागू किया जा रहा है।
क्या चीन की नकद प्रोत्साहन योजना से वाकई बढ़ेगी जन्म दर ?
अब सवाल यह है कि क्या ₹1.30 लाख जैसी स्कीम वाकई परिवार बढ़ाने को प्रेरित कर पाएगी? पिछले वर्षों में जापान, दक्षिण कोरिया और इटली जैसी आबादी संकट झेल रहे देशों ने भी प्रोत्साहन राशि दी थी, लेकिन वहां असर सीमित रहा। ऐसे में सवाल यह है कि क्या चीन की सामाजिक और आर्थिक संरचना इस योजना को सफल बना पाएगी?
महिलाओं का दृष्टिकोण और शहरी चीन में परिवार बढ़ाने की अनिच्छा
चीन सरकार बच्चों के जन्म देने को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन कई चीनी महिलाएं अब विवाह और मातृत्व को टाल रही हैं। वे करियर प्राथमिकता, बढ़ती जीवन लागत और बच्चा पालन में सहयोग की कमी के कारण युवा पीढ़ी कम बच्चे चाहती है।
चीन सरकार की आर्थिक प्रोत्साहन योजना
बहरहाल यह सामाजिक बदलाव चीन सरकार की आर्थिक प्रोत्साहन योजना के प्रभाव को सीमित कर सकता है। एक और पहलू यह हो सकता है कि ग्रामीण बनाम शहरी इलाकों में जन्मदर का अंतर – क्या यह स्कीम केवल छोटे शहरों तक सीमित रहेगी या बड़े शहरों में भी असर दिखेगा ?