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जर्मनी ने खरीदे ढेर सारे हथियार: क्या खतरनाक हाई-टेक IRIS‑T डिफेंस सिस्टम रूस के लिए है खतरे की घंटी ?

Germany Defense Purchases: जर्मनी ने अरबों रुपये खर्च कर आधुनिक हथियार खरीदे हैं। ये कदम रूस से बढ़ते खतरे और NATO में अपनी भूमिका को मज़बूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

भारतJul 30, 2025 / 06:12 pm

M I Zahir

Germany Defense Purchases IRIS-T missile system

जर्मनी ने बहुत सारे ​हथियार खरीदे हैं। (फोटो: X Handle German Aid to .Ukraine.)

Germany Defense Purchases: जर्मनी ने खतरनाक और अधिक मारक क्षमता वाले हथियार खरीदने (Germany defence purchase) का फैसला कर खुद को सामरिक तौर पर बहुत ताकतवर बना​ लिया है। जर्मनी की यह ताकत आसपास के देशों के लिए खतरे का संकेत हो सकते हैं। दरअसल रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और NATO में अमेरिका की रणनीतिक कमजोरी देखने के बाद जर्मनी ने अपनी रक्षा क्षमता तेज़ी से बढ़ाने का निर्णय लिया है। जर्मनी ने अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए इज़राइल, स्वीडन और यूरोपीय साझेदारों से अत्याधुनिक हथियार प्रणाली मंगाई है। आज जर्मनी के पास सबसे अहम खतरनाक और प्रभावशाली IRIS‑T एयर डिफेंस सिस्टम (IRIS‑T Air Defense System) है,यह प्रणाली हाई-टेक रडार और फायर यूनिट्स से लैस है, जिसकी मारक क्षमता और प्रतिक्रिया समय किसी भी संभावित हवाई हमले के खिलाफ़ जर्मनी की ढाल बन सकता है। क्यों कि जर्मनी के ये ​हथियार दुश्मन के विमानों,ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missiles) को लंबी दूरी से सटीकता के साथ निष्क्रिय कर सकती है।

परंपरागत बजट ‘ब्लैक ज़ीरो’ नियम ख़त्म किया

जानकारी के अनुसार स्वीडन की रक्षा कंपनी Saab को जर्मनी से Taurus क्रूज़ मिसाइल सिस्टम के अपग्रेड के लिए करीब $159 मिलियन यानी लगभग ₹1,326 करोड़ रुपये का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला है। वहीं जर्मनी ने परंपरागत बजट ‘ब्लैक ज़ीरो’ नियम ख़त्म कर €100 बिलियन यानि करीब 100 करोड़ रुपये तक विशेष कोष और लंबी अवधि तक ब्याज पर उधार लेने की अनुमति दी है। यह रक्षा और आधारभूत संरचना विकास में निवेश के लिए किया गया है। यह कदम जर्मनी की मंशा दर्शा रहा है।

खतरनाक IRIS‑T मिसाइल डिफेंस सिस्टम

जर्मनी ने IRIS‑T SLM / SLS एयर डिफेंस सिस्टम पर पहले करीब ₹8,645 करोड़ (€950 मिलियन) का खर्च किया और फिर 2025 में लगभग ₹20,020 करोड़ (₹2.2 बिलियन यूरो) का अतिरिक्त बजट भी स्वीकृत किया। यह हाईटेक रक्षा प्रणाली जर्मनी और यूक्रेन दोनों में सुरक्षा उद्देश्यों के तहत तैनात की जा रही है।

जर्मनी के खरीदे गए हथियार और उनकी मारक क्षमता

Leopard 2A8 टैंक: 2023-24 में 18 + 105 ऑर्डर नवीनीकरण के लिए, यूरोप में सबसे आधुनिक मुख्य लड़ाकू टैंक।

IRIS‑T एयर डिफेंस सिस्टम: भू‑से‑हवा मिसाइलों के SLM, SLX और SLS वेरिएंट, यूक्रेन को सहायता के रूप में भेजे गए।
Eurofighter जेट्स, Boxer आर्मर्ड व्हीकल्स, Patria IFVs, SkyRanger ड्रोन-डिफेंस सिस्टम—इनमें से कुछ अरब यूरो मूल्य की खरीदारी अगले दशक में होनी है। जर्मनी अब AI ड्रोन, अनमैन्ड सबमरीन समेत उन्नत सैन्य तकनीकी में निवेश कर रहा है।

जर्मनी ने किन-किन देशों से खरीदे हथियार ?

जर्मनी ने अपनी रक्षा क्षमता को मज़बूत करने के लिए कई देशों से आधुनिक और मारक हथियार खरीदे हैं। इन सौदों में यूरोप की घरेलू कंपनियों के साथ-साथ इज़राइल, अमेरिका और स्वीडन जैसी प्रमुख रक्षा उत्पादक देशों से समझौते शामिल हैं।

इज़राइल से खरीदी गई प्रणाली

जर्मनी ने इज़राइली कंपनी Elbit Systems से मिलकर €65 मिलियन की लागत वाला PULS रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम खरीदा है। यह समझौता जर्मन कंपनी KNDS के साथ साझेदारी में हुआ।

यूरोप और घरेलू कंपनियों से सौदे किए

जर्मनी ने यूरोप की घरेलू रक्षा कंपनियों से बड़ी संख्या में आधुनिक हथियार खरीदे हैं। इनमें प्रमुख रूप से Leopard 2 टैंक, Eurofighter Typhoon लड़ाकू विमान, Boxer बख़्तरबंद वाहन और Puma इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल (IFV) शामिल हैं। ये सभी हथियार जर्मनी की सैन्य क्षमता को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

पनडुब्बियों का ऑर्डर

इसके अलावा, Type 212CD क्लास की उन्नत पनडुब्बियाँ भी जर्मनी की नौसेना के लिए TKMS द्वारा बनाई जा रही हैं।

IRIS‑T प्रणाली की लागत और क्षमताएं
कीमत:

2023 में 6 यूनिट्स के लिए €950 मिलियन
2025 में 10 नई फायर यूनिट्स व 500 मिसाइलों का अतिरिक्त ऑर्डर — €2.2 बिलियन

तकनीकी विशेषताएँ:

TRML‑4D रडार: टारगेट की तेज़ी से पहचान

Airbus Fortion IBMS‑FC सिस्टम: फायर कंट्रोल और ऑपरेशन
MAN HX2 ट्रक लॉन्चर: मोबाइल मिसाइल तैनाती

डे/नाइट विज़न कैमरे: हर मौसम में निगरानी और सटीक लक्ष्यविध्वंस

यह सिस्टम NATO Sky Shield Initiative के तहत विकसित किया गया है।

जर्मनी के संभावित ‘दुश्मन’ और हमला करने की समर्थता ?

जर्मनी की रक्षा नीति मुख्य रूप से रूस की आक्रामकता के जवाब में केंद्रित है। किसी दूसरी यूरोपीय शक्ति—जैसे फ्रांस/पोलैंड—के खिलाफ कोई सक्रिय आक्रामक नीति नहीं है।
लक्ष्य है: रक्षा और निवारण क्षमता बढ़ाना, न कि आक्रमण।

जर्मनी की सामरिक क्षमता

बुंडेसवेहर (Bundeswehr) में लगभग 180,000 सक्रिय सैनिक, साथ में ~930,000 रिजर्व दस्ते हैं। सेना में आर्मी, नेवी, एयर फ़ोर्स और साइबर व सूचना सेवा शामिल हैं।
EU में फ्रांस के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी शक्ति है।

रक्षा बजट तुलना: अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस (2024/25)

देश 🇺🇸🇩🇪🇬🇧🇫🇷🇷🇺रक्षा बजट (USD में)GDP का प्रतिशतभारतीय मुद्रा में (₹ लाख करोड़)
अमेरिका~$997 Billion~3.4%₹83 लाख करोड़ (≈$997 B × ₹83)
रूस~$146–149 Billion~6.7–7.1%₹12.1–12.4 लाख करोड़ (≈$147 B × ₹83)
जर्मनी~$88.5 Billion~1.9%₹7.3 लाख करोड़
ब्रिटेन~$81.8 Billion~2.3%₹6.8 लाख करोड़
फ्रांस~$64.7 Billion~2.1%₹5.4 लाख करोड़

क्या रूस को जर्मनी से कोई खतरा है ?

इस समय रूस के लिए जर्मनी से सीधा सैन्य खतरा नहीं है। जर्मनी की रक्षा नीति पूरी तरह से निरोधात्मक और रक्षात्मक है—वह किसी देश पर पहले हमला करने की रणनीति नहीं अपनाता ​है। हालाँकि, जर्मनी NATO का सक्रिय सदस्य है और वह यूक्रेन का खुल कर समर्थन करता है। यही वजह है कि रूस और जर्मनी के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। जर्मनी की खुफिया एजेंसी BND का मानना है कि आने वाले वर्षों में रूस की आक्रामक गतिविधियाँ NATO देशों के लिए खतरा बन सकती हैं—और जर्मनी भी उस ज़द में आ सकता है।

रूस और जर्मनी की सैन्य शक्ति की तुलना:

ताकतजर्मनीरूस
सक्रिय सैनिक1.83 लाख14.5 लाख
रिजर्व टुकड़ी50,00015 लाख
एयरक्राफ्ट584 (215 लड़ाकू)4,290 (1,519 लड़ाकू)
टैंक्स29514,777
पनडुब्बियाँ683
परमाणु हथियारनहीं (NATO साझा हथियार)~5,449 (1,710 तैनात)
डिफेंस बजट (2024)~$88.5 बिलियन (GDP का 1.9%)~$149 बिलियन (GDP का ~7%)

रूस से संभावित खतरे के लिए एक गंभीर तैयारी का संकेत

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जर्मनी की हथियार खरीदारी सिर्फ़ एक सैन्य विस्तार नहीं है, बल्कि रूस से संभावित खतरे के लिए एक गंभीर तैयारी का संकेत है। NATO गठबंधन में अपनी भूमिका मज़बूत करने के लिए जर्मनी का यह कदम निर्णायक माना जा रहा है। अब देखना होगा कि क्या फ्रांस, पोलैंड और ब्रिटेन जैसे अन्य यूरोपीय देश भी इसी दिशा में बड़े रक्षा सौदों की ओर बढ़ते हैं। साथ ही यह भी अहम रहेगा कि रूस इस सैन्य विस्तार पर कैसे प्रतिक्रिया देता है।
इनपुट क्रेडिट : Die Welt, Defence 24 और Janes Defence Weekly

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