कोर्ट ने शेख हसीना को दी 6 महीने की सज़ा, क्या भारत पर बनेगा इसका दबाव? हर हाल में प्रत्यर्पण चाहता है बांग्लादेश
बांग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो देश छोड़कर भारत में रह रही हैं, को 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है। क्या कोर्ट के इस फैसले से भारत पर उनके बांग्लादेश प्रत्यर्पण का दाबाव बनेगा? आइए इस मामले पर नज़र डालते हैं।
Prime Minister Narendra Modi, Sheikh Hasina and Muhammad Yunus (Photo – Patrika Network)
बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को पिछले साल 5 अगस्त को अपना देश और प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। देश में छात्र आंदोलन के कारण बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के चलते पूर्व बांग्लादेशी पीएम अपनी बहन शेख रेहाना (Sheikh Rehana) के साथ बांग्लादेश छोड़कर भारत (India) आ गई थीं। तभी से वह भारत सरकार की शरण में रह रही हैं। हालांकि मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना का प्रत्यर्पण (Extradition) चाहती है और इसके लिए कई बार भारत सरकार से मांग भी कर चुकी है, पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
शेख हसीना को कोर्ट की अवमानना के मामले में 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है। बुधवार को बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल) की तीन सदस्यीय बेंच ने उन्हें यह सज़ा सुनाई और यह तब से लागू होगी जब शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी होगी।
Bangladesh’s deposed premier Sheikh Hasina sentenced to 6 months in prison in a contempt of court case, local media reports
हर हाल में शेख हसीना का प्रत्यर्पण चाहता है बांग्लादेश
बांग्लादेश हर हाल में शेख हसीना का प्रत्यर्पण चाहता है और यह बात उसकी अंतरिम सरकार की तरफ से कई बार साफ कर दी गई है। हालांकि इस मामले में भारत की तरफ से बांग्लादेश को कोई समर्थन नहीं मिल रहा है।
क्या भारत पर बनेगा दबाव?
बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा शेख हसीना को 6 महीने की जेल की सज़ा सुनाए जाने से अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत पर दबाव बनेगा? बांग्लादेश की अंतरिम सरकार काफी समय से शेख हसीना पर कानूनी कार्रवाई के लिए उनका प्रत्यर्पण चाहती है, लेकिन भारत ऐसा नहीं कर रहा है। बांग्लादेश ने कई बार इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की भी चेतावनी दी है, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के पासपोर्ट डिपार्टमेंट ने इसी साल जनवरी में शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद भारत सरकार ने उनका वीज़ा बढ़ा दिया है। ऐसे में साफ है कि भारत सरकार का शेख हसीना के बांग्लादेश प्रत्यर्पण का कोई इरादा नहीं है।