पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों पर हमले: हिंदू मंदिरों और चर्चों को निशाना
पाकिस्तान में धार्मिक स्थलों पर हमलों का एक खतरनाक पैटर्न सामने आया है। हिंदू मंदिरों और ईसाई चर्चों पर हमले अक्सर समन्वित होते हैं। उदाहरण के तौर पर, 2023 में कश्मीर में एक मंदिर पर रॉकेट हमला हुआ था। ये हमले राज्य और सेना की मिलीभगत से होते हैं और इनसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल बढ़ रहा है।पाकिस्तान में शियाओं और अहमदियों का उत्पीड़न
पाकिस्तान में शिया मुसलमानों और अहमदियों को भी निशाना बनाया जा रहा है। गवाही में बताया गया कि इन समुदायों को जबरन गायब किया जा रहा है और सांप्रदायिक हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। इस उत्पीड़न में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता और मिलीभगत भी शामिल है, जिससे इन अपराधों को बिना किसी डर के अंजाम दिया जा रहा है।पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों पर ब्रिटेन में अपील
इस सत्र में ब्रिटेन के सांसदों ने पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों पर चर्चा की। सांसद फ्लेर एंडरसन और डेविड स्मिथ ने पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक मशीनरी द्वारा अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की तत्काल जांच और जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया।अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील
पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के मामलों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई की अपील की गई। विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में हो रहे जबरन धर्मांतरण, बच्चों के अपहरण और धार्मिक संस्थाओं पर हमलों की स्वतंत्र जांच की मांग की। साथ ही, पाकिस्तानी सैन्य और राजनीतिक तंत्र के दोषियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने जवाबदेही की मांग की
ब्रिटेन की संसद में हुए इस खुलासे के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में आक्रोश फैल गया है।एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों ने पाकिस्तान से जवाबदेही की मांग की है। भारत सहित कई देशों में सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पाकिस्तान सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह चुप्पी उनकी संलिप्तता की ओर इशारा करती है।