घटना 19 जुलाई की शाम करीब 7:30 बजे की है। पांच किशोर पहले से घात लगाकर सौरभ का इंतजार कर रहे थे। जब वह सेंट्रल स्क्वायर शॉपिंग सेंटर स्थित एक फार्मेसी से दवाइयां खरीदकर वापस घर लौट रहे थे, तब उनपर बदमाशों ने हमला कर दिया।
जेब की तलाशी लेने के बाद पीटा
आनंद ने बताया कि वह वापस घर लौटते वक्त फोन पर बात कर रहे थे। उस दौरान, उन्होंने अपने बगल में एक हलचल देखी। एक लड़के ने उनकी जेबों की तलाशी लेनी शुरू कर दी। जबकि दूसरे ने उनके सिर पर मुक्का मारना शुरू कर दिया। मार खाने के बाद सौरभ गिर पड़े। इसके बाद, तीसरे हमलावर ने एक चाकू निकाला और उसे उनके गले पर रख दिया।
शरीर के कई हिस्सों पर किया वार
आनंद ने आगे बताया कि वे यहीं नहीं रुके। मैंने अपना चेहरा और कलाई बचाने के लिए अपना हाथ ऊपर उठाया। जब मैं खुद को बचाने की कोशिश कर रहा था, तो चाकू मेरी कलाई के आर-पार हो गया। दूसरा वार मेरे हाथ पर किया गया। इसके बाद तीसरा वार हड्डी के आर-पार हो गया। आनंद को गंभीर चोटें आईं। उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है। कंधे और पीठ पर गहरे घाव हैं। हाथ की हड्डियां टूट गईं हैं। सिर में भी चोट आई है। उन्होंने कहा कि हमले के वक्त मैं बस जिंदा रहने की कोशिश कर रहा था।
किसी तरह से बची जान
गंभीर रूप से घायल और खून बहने के बावजूद, वह शॉपिंग सेंटर के बाहर लड़खड़ाते हुए मदद के लिए चिल्लाने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि हमले के बाद मैंने किसी को देखा और मैं बस चिल्लाया मुझ पर हमला हुआ है। कृपया मेरी मदद करें। आस-पास खड़े लोगों ने उनकी मदद की और आपातकालीन सेवाओं को बुलाया। उन्हें गंभीर हालत में रॉयल मेलबर्न अस्पताल ले जाया गया। शुरुआत में, डॉक्टरों को डर था कि उन्हें उनका बायां हाथ काटना पड़ेगा।
हालांकि, सर्जरी के बाद वह सही हो गया। इस मामले में अब तक पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश जारी है।
इससे पहले कार पार्किंग को लेकर भारतीय पर हुआ था हमला
इससे पहले एडिलेड में, कार पार्किंग विवाद को लेकर एक भारतीय को निशाना बनाया गया था। 23 वर्षीय चरणप्रीत सिंह पर बदमाशों ने हमला किया था। सिंह ने बताया कि कुछ लोग उनके पास आए और नस्लवादी गालियां दीं। फिर बिना किसी उकसावे के उनपर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि बदमाशों ने ‘भाड़ में जाओ, भारतीय’ कहा और उसके बाद मुक्का मारना शुरू कर दिया। मैंने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे तब तक पीटा जब तक मैं बेहोश नहीं हो गया।
बार-बार हो रही घटनाओं ने ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीयों के बीच गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। पुलिस सभी घटनाओं की जांच कर रही है और हमलावरों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।