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हर साल देखा जाता है कि सवारी के दौरान हजारों भक्त बाबा के दर्शन से ज्यादा फोटो-वीडियो खींचने में व्यस्त रहते हैं। कई बार भक्त सेल्फी लेने के चक्कर में दूसरों को धक्का देते हैं या रुकावट पैदा करते हैं। इससे न केवल अव्यवस्था फैलती है, बल्कि बाबा महाकाल(Ujjain Mahakal Temple) की दिव्यता में भी खलल पड़ता है। एसपी प्रदीप शर्मा ने इसे गंभीरता से लिया और इस बार पहले से ही निर्देश जारी कर दिए हैं।
मोबाइल डिटेक्शन टीम तैनात
सवारी मार्ग पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और मोबाइल के उपयोग पर नजर रखने के लिए विशेष मोबाइल डिटेक्शन टीम भी तैनात की जाएगी। अगर कोई श्रद्धालु सवारी के दौरान मोबाइल निकालता है, तो उसे तुरंत टोका जाएगा और आवश्यकता पडऩे पर उसे सवारी क्षेत्र से बाहर भी किया जा सकता है। ये भी पढ़े
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एसपी ने कहा ’’यह बाबा महाकाल की परंपरा और श्रद्धा का विषय है, न कि सोशल मीडिया का शो ऑफ। हम चाहते हैं कि भक्त पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ दर्शन करें, न कि मोबाइल कैमरे में दृश्य कैद करने की कोशिश में लगे रहें।’’
लोगों से सहयोगकी अपील- एसपी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस व्यवस्था का पालन करें और सवारी के दौरान मोबाइल जेब या बैग में रखें। आयोजन को शांतिपूर्ण, दिव्य व अनुशासित बनाए रखने में सबका सहयोग जरूरी है।
सावन-भादौ में संडे को स्कूल लगेंगे, सोमवार को रहेगी छुट्टी
सावन-भादौ मास में हर सोमवार को बाबा महाकाल की पालकी निकाली जाती है। ऐसे में 14 जुलाई से 11 अगस्त तक पहली से 12वीं तक के स्कूल रविवार को लगेंगे, जबकि सोमवार को अवकाश रहेगा। श्रावण महीने में भगवान महाकाल की निकलने वाली सवारी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दरअसल, सवारी में भीड़ को देखते हुए कई रास्ते बंद कर दिए जाते हैं। 11 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो रहा है। इस बार कुल छह सवारियां महाकाल मंदिर से निकलेंगी। पहली सवारी 14 जुलाई को रहेगी। सवारी वाले दिन सभी निजी और शासकीय स्कूलों की छुट्टी रहेगी। जबकि रविवार को स्कूल लगेंगे। हर साल बाबा महाकाल की सवारी वाले दिन बड़ी संख्या में भक्त उज्जैन पहुंचते है। ऐसे में स्कूलों की बस भीड़ में फंस जाती है और बच्चे और श्रद्धालु परेशान होते है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि मंदिर से निकलने वाली 5 सवारी के दिन स्कूलों का अवकाश रहेगा। इसकी जगह एक दिन पहले रविवार को स्कूल लगेंगे।
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समाचार चैनलों और फोटो जर्नलिस्ट्स के लिए अलग पहचान पत्र के साथ सीमित संख्या में कवरेज की अनुमति दी जाएगी, ताकि आम श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
इस बार का सावन पूरी तरह से भक्तिभाव और अनुशासन के नाम होगा। बाबा महाकाल की सवारी में ’नो सेल्फी’ का नियम एक सकारात्मक पहल है जो धार्मिक आयोजनों की पवित्रता और व्यवस्था दोनों को कायम रखने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यही इस बार के सावन का संदेश भी होगा।– प्रदीप शर्मा, एसपी