कैलाश ने तीन फेरे लगाकर सभी 34 पर्यटकों को सुरक्षित निकला
सिविल डिफेंस के बोट ऑपरेटर कैलाश मेनारिया ने स्थिति संभाली। पावर बोट लेकर उतरे और पर्यटकों तक पहुंचे। खराब मौसम में पर्यटक रेस्क्यू बोट में बैठने को तैयार नहीं थे, लेकिन कैलाश ने भरोसा दिलाकर सुरक्षित पहुंचाने की बात कही तो पर्यटक तैयार हुए। कैलाश ने तीन फेरे लगाकर सभी 34 पर्यटकों को बाहर निकला।कैलाश मेनारिया को मिल चुके हैं कई सम्मान
कैलाश मेनारिया पूर्व में राज्यस्तर पर वीरता पदक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। वे प्रदेश में एक मात्र पावर बोट हैंडलिंग लाइसेंस धारी बोट ऑपरेटर है। चार साल के दरमियान 112 लोगों को जिंदा बचाया और 400 से ज्यादा शव निकाल चुके हैं। कैलाश मेनारिया उदयपुर जिले के अलावा संभाग में कई रेस्क्यू ऑपरेशन कर चुके हैं।उदयपुरवासियों ने भी जताया आक्रोश
इस वाकये ने हर किसी को चौंका दिया। झील में नाव पलटने की सूचना से लोग चिंतित हो गए। इस खराब मौसम में नाव का संचालन करना संचालक की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो संचालक अपनी लापरवाही छिपाकर अचानक मौसम खराब होने का बहाना बनाने लगा। जबकि, अंधड़ चलने से एक घंटे पहले ही मौसम खराब होता दिख गया था। नाव संचालक की लापरवाही को लेकर जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों ने भी आक्रोश जताया है।नाव संचालक का टेंडर निरस्त करे प्रशासन
उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि घटनाक्रम में नाव संचालक की लापरवाही रही है। पर्यटकों ने खुद समझदारी दिखाकर जान बचाई। जनप्रतिनिधियों ने नाव संचालक का टेंडर निरस्त करने की बात कही।हादसे के कारणों की जांच के निर्देश
नाव के जेटी से निकलने के बाद तेज हवाएं चलीं, जिससे पर्यटक झील के बीच फंस गए। यूडीए को हादसे के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। नाव संचालन जोखिम भरा नहीं, बल्कि नियमानुसार हो। सूर्यास्त बाद या खराब मौसम में संचालन नहीं हो, इसके लिए यूडीए को निर्देश दिए हैं।नमित मेहता, जिला कलक्टर