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उदयपुर

क्या शिक्षा के मंदिरों में सुरक्षित हैं हमारे बच्चे? उदयपुर जिले के 108 स्कूल जर्जर, कहीं टपकती छत तो कहीं कमजोर नींव

Udaipur Schools Condition: राजस्थान में उदयपुर जिले के स्कूलों के हाल-बेहाल हैं। कई स्कूल की छतों से पानी गिर रहा है। किसी भवन में सरिये दिख रहे तो किसी की नींव ही कमजोर है। जिले में 108 स्कूल अत्यंत जर्जर हालत में हैं। पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट…

उदयपुरJul 26, 2025 / 11:08 am

Arvind Rao

Udaipur Schools Condition

Udaipur Schools Condition (Patrika Photo)

Udaipur Schools Condition: शिक्षा के मंदिरों में भी मासूमों का जीवन सुरक्षित नहीं है। उदयपुर जिले के 108 स्कूल अत्यंत जर्जर हालत में हैं तो 1,110 स्कूलों की हालत चिंताजनक है। बारिश के दिनों में यह खतरा ज्यादा बढ़ गया है। कहीं छत टपक रही है तो कहीं सीमेंट, कंकरीट और पत्थर गिर रहे हैं।

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बता दें कि कोटड़ा ब्लॉक के ज्यादा बुरे हालात हैं, जहां 50 स्कूल तो ऐसे हैं, जिनकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती। गिर्वा और खेरवाड़ा ब्लॉक में भी जर्जर स्कूलों की संख्या काफी है। कोटड़ा, झाड़ोल, भींडर और मावली क्षेत्र में क्षतिग्रस्त स्कूल बहुतायत में हैं। इधर, जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने कोटड़ा क्षेत्र की जर्जर स्कूलों का शुक्रवार शाम दौरा किया और एहतियात बरतने के निर्देश दिए।
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जर्जर स्कूलों से दूरी रखने के आदेश


शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर जर्जर स्कूलों के बच्चों को बारिश के दिनों में सुरक्षित स्थानों पर बिठाने के निर्देश दिए थे। इस कारण कहीं पेड़ के नीचे कक्षाएं चल रही हैं तो कहीं कनात इत्यादि लगाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बारिश के कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी गड़बड़ा रही है। पूरे मानसून सत्र में विद्यार्थियों और शिक्षकों को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है।

स्कूल पहुंचने से लेकर कक्षाएं लेने तक का काम मुश्किल हो जाता है। एडीपीसी ननिहाल सिंह चौहान ने बताया कि जर्जर और क्षतिग्रस्त स्कूलों से बच्चों को दूर रखने और वैकल्पिक स्थानों पर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अत्यंत जर्जर हालत में पहुंच चुके 20 स्कूल भवनों को गिराने के भी आदेश हो रखे हैं। 15 भवनों के प्रस्ताव भी शिक्षा विभाग के पास विचाराधीन है।


ऐसे हैं यहां मौजूद स्कूलों के हालात


-भटेवर के रूपावली में प्राथमिक स्कूल कई साल पहले बना था। विद्यालय का भवन नीचे से लेकर ऊपर तक जर्जर है। दीवारों में सीलन आने के साथ दरारें पड़ गई हैं। ईंटे दिखने लगी है। अब तो स्कूल का नाम भी नहीं दिख रहा। कई बार जनप्रतिनिधियों को बताया, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
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-गींगला के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बोरलिया फला की छत से प्लास्टर गिर रहा है। लोहे के सरिये जंग खाकर निकल आए हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय खाना मंगरी के हालात भी खराब हैं। यहां भी बच्चे बरामदे में बैठते हैं।

-मावली में लोपड़ा ग्राम पंचायत के बंजारा बस्ती के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बारिश से प्लस्तर गिर गया। सुरेश मीणा ने बताया कि सुबह विद्यालय की छत का प्लस्तर गिरा हुआ मिला। एसीबीईओ प्रकाश चंद्र चौधरी को भी निरीक्षण के दौरान अवगत कराया।

-गोगुंदा में सायरा के शिक्षा विभाग की ओर से बारिश के चलते मरम्मत के लिए अति आवश्यक 42 स्कूलों की सूची जारी की है, जिसमें 20 प्राथमिक, 11 उच्च प्राथमिक और 11 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। गोगुंदा के कुंती का लेवा राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हैं। तीनों कमरों में पानी गिरता है।

-कोटड़ा के आदिवासी बहुल कोटड़ा उपखंड क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है। उपखंड क्षेत्र में 248 सरकारी स्कूल हैं, जिसमें से 95 प्रतिशत जर्जर हालात में हैं। बारिश के दौरान छत से पानी टपकना आम बात है। अधिकांश स्कूलों की छत से प्लास्टर उखड़ चुका है। सरिए बाहर निकल आए हैं, ऐसे में विद्यालय कभी भी ढह सकते हैं।
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-उपला भियाटा का राजकीय प्राथमिक विद्यालय तीन साल पहले ढह गया था। लेकिन सुध नहीं ली गई। ऐसे में छात्र एक झोपड़े में पढ़ाई कर रहे हैं। जहां छात्र डर के साए और जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। कई बार तो भवन गिरने के डर से छात्र पेड़ों के नीचे बैठ कर पढ़ाई करते हैं।

-नयागांव के उपखंड क्षेत्र में भी कई सरकारी विद्यालय जर्जर अवस्था में हैं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नगर 13 कमरे बने हुए हैं, जिसमें से विभाग ने 7 कमरों को जर्जर घोषित कर रखा है। मात्र 6 कमरों में 12 कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। 6 कक्षा-कक्ष में भी बरसात में छत से पानी टपकता है। इस पर बच्चों की छुट्टी करनी पडती है।
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-वल्लभनगर में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल वल्लभनगर के कमरे जर्जर हालत में है। बारिश में पानी टपकता है। नींव भी कमजोर हो चुकी है। कई समय से इस दो मंजिला इमारत में कोई कक्षाएं नहीं लगती हैं। ऐसे में स्कूल के बीचों बीच जर्जर इमारत का खड़ा रखना सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है।

-खरसाण में ग्राम पंचायत के मावली डांगियान स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कमरे जर्जर हालात में हैं। बच्चों को हॉल में बैठाकर पढ़ाने की मजबूरी है। बताया कि 5 साल से ऐसे ही हालात हैं।

-कुराबड़ के फीला में सरकारी स्कूल के सभी कमरों का प्लास्टर गिर रहा है। बरामदे भी सुरक्षित नहीं हैं। पूर्व में भी यहां एक कमरे में प्लास्टर गिरने से बालक घायल हो गया था, तब से वहां बैठाना बंद कर दिया है। गुडली स्कूल में दो कमरे जर्जर होने से बंद कर रखे हैं। बंबोरा में स्कूल की दीवारें सीलन से कमजोर हो चुकी हैं।
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-सेमारी में प्राथमिक स्कूल मेडी फला के भवन जर्जर हैं। दीवारें जगह-जगह तड़क गई हैं। बीम भी गिरने की अवस्था में है। भोजिया फला के प्राथमिक स्कूल का कमरा भी खस्ताहाल है।


-बनोड़ा में गावड़ापाल पंचायत के सिंघावत फला का प्राथमिक स्कूल की छत जर्जर होकर गिरने की स्थिति में है। विद्यालय विकास समिति अध्यक्ष केशूलाल मीणा ने बताया कि प्राथमिक स्कूल में 50 बच्चों का नामांकन है।

-पारसोला में भरकुड़ी के भुगाभट गांव में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय के 6 कक्षा कक्ष में एक कक्षा कक्ष नाकारा है और पांच जर्जर हैं।


-जयसमंद के खेराड ग्राम पंचायत स्थित तुलसियों का नामला स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा-कक्ष में बरसात का पानी टपकता है। वहीं, छत का प्लास्टर भी गिर रहा है, जिसके कारण कक्षाओं में प्लास्टिक का तिरपाल लगा रखा है।
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-पाणुंद के लसाड़िया ब्लॉक का ढ़ाईखेडा राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंभीर जर्जर अवस्था में है। दीवारें चारों तरफ से फट चुकी हैं। खिड़कियां कभी भी गिर सकती हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कालिया मंगरा की छत से प्लास्टर पूरी तरह गिर चुका है। बारिश में विद्यालय को बंद करना पड़ता है।

-धरियावद में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से पत्र में जर्जर कक्षा-कक्षों में विद्यार्थियों को नहीं बिठाने के निर्देश दिए। ऐसा होने पर जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी।


कब-कब लिए प्रस्ताव


-18 जर्जर विद्यालयों के भवन पुन: निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति के लिए डीएमएफटी को भेजे गए।
-107 स्कूलों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव 13 जनवरी 2025 को डीएमएफटी को भिजवाए।
-145 विद्यालयों के मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव 13 जनवरी 2025 को डीएमएफटी को भिजवाए।
-42 विद्यालयों में मरम्मत कार्य स्टेट बजट हेड से स्वीकृत हुए जो पूर्ण होने की स्थिति में है।
-142 विद्यालयों के प्रस्ताव पीएबी योजना के तहत राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को भिजवाए।
-32 प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2025 के लेखा अनुदान के बजट घोषणा में मरम्मत कार्यों के लिए भिजवाए।
-166 प्रस्ताव बजट घोषणा 2025-26 में मरम्मत कार्यों के लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर को भेजे गए।
-400 मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव डीएमएफटी/टीएडी मद स्वीकृति के लिए भिजवाए।
-380 प्रस्ताव डीएमएफटी मद से स्वीकृति के लिए भिजवाए गए।
-278 प्रस्ताव पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा में शिक्षा परिषद को भिजवाए।
-728 प्रस्ताव सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर डीएमएफटी को भिजवाए।


ऐसे हैं स्कूलों के हालात


ब्लॉक-मरम्मत योग्य-जर्जर
नयागांव-43-09
खेरवाड़ा-68-17
ऋषभदेव-58-0
गिर्वा-75-12
बड़गांव-51-06
गोगुंदा-55-03
सायरा-61-05
कोटड़ा-148-50
झाड़ोल-102-02
फलासिया-86-0
भींडर-163-0
मावली-115-01
वल्लभनगर-40-0
कुराबड़-45-03


हादसों का इंतजार


राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पीपलोदी, झालावाड़ में जर्जर भवन गिरने से सात मासूमों की मृत्यु होना दुखद है। प्रदेश में ऐसे सैकड़ों जर्जर विद्यालय हैं। शिक्षा विभाग और प्रशासन ऐसी दुर्घटनाओं का इंतजार क्यों करता है।
-शेर सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

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