10 फीसदी की गिरावट प्रदेश में पिछले एक दशक में ग्रामीण आबादी में दस प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। हाल यह है कि गांवों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सरीखी मूलभूत सुविधाओं में कमी के कारण करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा मकान खाली करके लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। पहले जहां माना जाता था कि भारत की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है लेकिन हाल में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय और नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, देश की 65 प्रतिशत आबादी अब शहरी क्षेत्रों में या उनके नजदीक के कस्बों में रह रही है, जबकि वर्ष 2001 में यह आंकड़ा महज 45 प्रतिशत था। विशेषज्ञों के अनुसार गांवों से पलायन की यही रफ्तार रही तो दो दशक में शहरों की आबादी गांवों की तुलना में बढ़ जाएगी।
शहरी आबादी 2011—-2023—-2024—-2025 सीकर 24497-289795—312943—315379 फतेहपुर 92595—-109750—-111313—-115360 रामगढ़ 33024—-39142—39700—-36033 लक्ष्मणगढ़ 53392—-63284—-67080—-62230 लोसल 28504—-33785—-34266—-31844 अजीतगढ़ 15414—18270—-16047—-17726 खंडेला 29044—-34425—-34915—-34523 श्रीमाधोपुर 31366—37177—-33875—-35734 रींगस 26139—30982—-31423—30054 नीमकाथाना 36830—-43654—-44255—-48042 खाटूश्यामजी 13499—-16000—-16228—17209 दांतारामगढ़ 18344—-21743—22052—-21097 ग्रामीण आबादी
2011—-2023—-2024—-2025 अजीतगढ़ 130882—155131—136253—-153228 दांता 171864—203705—203705—201206 फतेहपुर 180019—213371—-216409—-209396 खंडेला 268546—318300—-318300—-313279 कूदन 290287—-344069—-344068—-340785 लक्ष्मणगढ 171530—203309—203309—-199987 नेछवा 96034—113826—-113826—-112430 नीमकाथाना 185819—-220246—-200685—214067 पलसाना 160695—-190467—-190467—-186446 पाटन 109749—-130082—-105268—-128487 पिपराली 139810—-165713—165713—-163681 श्रीमाधोपुर 149450—-177139—-155535—-175303 इनका कहना है रोजगार और मूलभूत सुविधाओं की तलाश में एक दशक ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। गांवों की तुलना में शहरों में लोग बढ़ने लगे हैं। जिससे शहरों में जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है। हालांकि ग्रामीण जीवन की तरफ अब शहरी लोगों का रुझान होने लगा है।
डॉ. हर्षल चौधरी, एडिशनल सीएमएचओ सीकर