scriptSawan 2025: राजस्थान में यहां अपनी बिटिया के साथ विराजमान हैं शिव, सावन में जरूर लें दर्शन का सौभाग्य | Sawan 2025: Shiva is seated here with his daughter in Rajasthan, definitely take the privilege of darshan in Sawan | Patrika News
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Sawan 2025: राजस्थान में यहां अपनी बिटिया के साथ विराजमान हैं शिव, सावन में जरूर लें दर्शन का सौभाग्य

कर्णेश्वर महादेव मंदिर, जो लगभग 1300 साल पुराना है और अपनी अनोखी बनावट और दुर्लभ मूर्तियों के कारण बेहद खास माना जाता है।

कोटाJul 12, 2025 / 10:11 pm

Akshita Deora

कंसुआ धाम (फोटो: पत्रिका)

सावन का पावन महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे प्रिय समय माना जाता है। इस महीने में हर शिव भक्त का मन बस भोलेनाथ के दर्शन और पूजा-पाठ में डूबा रहता है। ऐसे ही शिवभक्तों के लिए राजस्थान के कोटा जिले में एक अद्भुत मंदिर है, जहां भगवान शंकर सिर्फ माता पार्वती और अपने पुत्रों के साथ ही नहीं, बल्कि अपनी बेटी अशोका सुंदरी के साथ भी विराजमान हैं।
ये मंदिर है कर्णेश्वर महादेव मंदिर, जो लगभग 1300 साल पुराना है और अपनी अनोखी बनावट और दुर्लभ मूर्तियों के कारण बेहद खास माना जाता है। यहां सावन के हर सोमवार और महाशिवरात्रि पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मौके पर मंदिर में खास श्रृंगार और पूजा का आयोजन होता है, और शिवभक्तों को मिलता है एक दुर्लभ और दिव्य दर्शन का अनुभव।

शिव परिवार में बेटी का अद्वितीय स्थान

आमतौर पर हम शिव परिवार की कल्पना भगवान शंकर, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ करते हैं। लेकिन कंसुआ क्षेत्र स्थित इस मंदिर में इन सभी के साथ शिव की पुत्री अशोका सुंदरी और माता सती की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। यह दृश्य बहुत ही भावनात्मक और दुर्लभ है – जैसे एक पिता अपने पूरे परिवार के साथ शांति और शक्ति का प्रतीक बन विराजमान हो।

मंदिर की बनावट और इतिहास

इस मंदिर की खास बात है इसकी नागर शैली की वास्तुकला और गर्भगृह में सूरज की पहली किरण का सीधे भगवान शिव के चरणों पर गिरना। साथ ही, मंदिर परिसर में सहस्त्र शिवलिंग और एक गुप्त शिवलिंग भी स्थापित है, जिसके पीछे मान्यता है कि एक राजा ने श्राप से मुक्ति पाने के लिए इनका अभिषेक करवाया था।
इतिहासकारों के अनुसार, यह मंदिर 738 ईस्वी में मौर्य वंश के राजा शिवगण ने बनवाया था। यही नहीं, कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहां कण्व ऋषि का आश्रम भी हुआ करता था।

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