परिवार दोस्तों का साथ मिला तो खिल उठा बेटा का चेहरा
पिता नीतुल कुमार ने बताया कि सार्थक रिजल्ट के बाद से ही उदास और बेचैन दिख रहा था, उन्हें लग रहा था कि वह मानसिक दबाव में आ रहा है। पिता ने बेटे को इस परेशानी से बाहर निकालने और खुश रहने का संदेश देने के लिए एक कार्यक्रम रखा। आयोजन में बेटे के दोस्तों, परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। फूलमाला पहनाकर पिता ने बेटा का स्वागत किया। दादा-दादी, माता-पिता सहित दोस्तों ने सार्थक का स्वागत किया, गाजे-बाजे पर डांस किया और मिठाई बांटी। पिता ने बेटा को प्रोत्साहित किया तो बेटा का चेहरा खुशी से खिल उठा।
समाज को संदेश दिया
पिता नितुल जैन ने कहा कि पढ़ाई जरूरी है लेकिन नंबर नहीं। सार्थक नंबर भले कम लाया हो लेकिन वह अन्य कार्य बेहतर कर सकता है, जो दूसरे छात्र नहीं कर सकते। माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं और हम यह चाहते हैं कि बच्चे खुश रहें। किसी भी तरह का गलत कदम न उठाएं, हमारी नजर में वह 55 प्रतिशत अंक लाकर भी बहुत होशियार है।
बेटा बोला- जीवनभर याद रहेंगे ये पल, अच्छे से करेंगे पढ़ाई
सार्थक ने कहा कि पिता ने उसके लिए जो किया है, उसे वह हमेशा याद रखेगा और आगे अच्छे से पढ़ाई कर माता-पिता का नाम रौशन करेगा। यह उसके जीवन के लिए बड़ी सीख है।