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कम नंबर आने पर बेटा को डिप्रेशन से निकालने पिता ने बजवाए ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी कर किया सम्मान

पिता द्वारा उठाए गए कदम की शहर में खूब हो रही सराहना सागर. सीबीएसई दसवीं कक्षा में कम नंबर आने पर उदास बेटा के पिता ने ऐसा कदम उठाया कि वह शहर में चर्चा का विषय बन गया। मायूस बेटा का उत्साहवर्धन करने पिता ने ढोल-नगाड़े बजवाए, आतिशबाजी की और बेटे का फूल माला पहनकर […]

सागरMay 20, 2025 / 09:09 pm

नितिन सदाफल

सार्थक को फूल माला पहनाकर सम्मान करते पिता नीतुल जैन

सार्थक को फूल माला पहनाकर सम्मान करते पिता नीतुल जैन

पिता द्वारा उठाए गए कदम की शहर में खूब हो रही सराहना

सागर. सीबीएसई दसवीं कक्षा में कम नंबर आने पर उदास बेटा के पिता ने ऐसा कदम उठाया कि वह शहर में चर्चा का विषय बन गया। मायूस बेटा का उत्साहवर्धन करने पिता ने ढोल-नगाड़े बजवाए, आतिशबाजी की और बेटे का फूल माला पहनकर स्वागत किया। परिवार व दोस्तों के बीच मिठाइयां बांटी गईं। आतिशबाजी के बीच परिवार के लोगों ने छात्र के साथ खूब डांस किया। अब पिता के इस कदम की शहर में खूब सराहना हो रही है और यह हजारों परिवारों के लिए मिसाल बन गए हैं। दरअसल सागर के रामपुरा वार्ड में रहने वाले नितुल कुमार जैन के दो बेटे हैं, जिनमें छोटा बेटा सार्थक ने सीबीएसई की 10 वीं परीक्षा दी थी। बीते दिनों परीक्षा परिणाम आया, जिसमें वह पास तो हो गया लेकिन मात्र 55 प्रतिशत अंक आए, जबकि उसके दोस्तों ने 75-85 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

परिवार दोस्तों का साथ मिला तो खिल उठा बेटा का चेहरा

पिता नीतुल कुमार ने बताया कि सार्थक रिजल्ट के बाद से ही उदास और बेचैन दिख रहा था, उन्हें लग रहा था कि वह मानसिक दबाव में आ रहा है। पिता ने बेटे को इस परेशानी से बाहर निकालने और खुश रहने का संदेश देने के लिए एक कार्यक्रम रखा। आयोजन में बेटे के दोस्तों, परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। फूलमाला पहनाकर पिता ने बेटा का स्वागत किया। दादा-दादी, माता-पिता सहित दोस्तों ने सार्थक का स्वागत किया, गाजे-बाजे पर डांस किया और मिठाई बांटी। पिता ने बेटा को प्रोत्साहित किया तो बेटा का चेहरा खुशी से खिल उठा।

समाज को संदेश दिया

पिता नितुल जैन ने कहा कि पढ़ाई जरूरी है लेकिन नंबर नहीं। सार्थक नंबर भले कम लाया हो लेकिन वह अन्य कार्य बेहतर कर सकता है, जो दूसरे छात्र नहीं कर सकते। माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चों पर किसी तरह का दबाव न बनाएं और हम यह चाहते हैं कि बच्चे खुश रहें। किसी भी तरह का गलत कदम न उठाएं, हमारी नजर में वह 55 प्रतिशत अंक लाकर भी बहुत होशियार है।

बेटा बोला- जीवनभर याद रहेंगे ये पल, अच्छे से करेंगे पढ़ाई

सार्थक ने कहा कि पिता ने उसके लिए जो किया है, उसे वह हमेशा याद रखेगा और आगे अच्छे से पढ़ाई कर माता-पिता का नाम रौशन करेगा। यह उसके जीवन के लिए बड़ी सीख है।

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