घूस ले ली, काम नहीं किया
लोकायुक्त टीम जब तहसीलदार के आवास पर कार्रवाई कर रही थी, तभी दमोह जिले के कोटा निवासी मुस्तफा अली भी वहां पहुंच गए। मुस्तफा ने आरोप लगाए कि तहसीलदार सोनी ने अपने ड्राइवर इंद्रपाल के जरिए गोविंदपुरा हल्का में बंधक जमीन के नामांतरण और सत्यापन के लिए उनसे 35 हजार रुपए लिए थे, लेकिन उनका काम पूरा नहीं किया। इसी सिलसिले में बात करने रैपुरा पहुंचे थे, लेकिन पता चला कि वह पहले ही ट्रैप हो गए।
विवादित बयान से चर्चा में आए थे
रिश्वत लेते ट्रैप हुए तहसीलदार चंद्रमणि सोनी पिछले महीने एक विवादित बयान देकर चर्चा में आए थे। रैपुरा में शराब दुकान का विरोध कर रही जनता को समझाते हुए उन्होंने मीडिया से कहा था कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं शराब के रुपयों से चलती हैं। इसके बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा था। तहसीलदार के खिलाफ दो विभागीय जांचें भी चलने की बात सामने आ रही है।