पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होती हैं और नवमी को समाप्त होती हैं। इस साल 26 जून से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होकर 4 जुलाई तक चलेंगी। देवी मंदिरों में नौ दिन तक शतचंडी महायज्ञ का आयोजन होगा। भक्त गुप्त रूप से नवरात्रि में मां की आराधना करेंगे।
जगन्नाथ रथयात्रा पर्व 27 जून को निकलेगी। उससे पहले ज्येष्ठ पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ की स्नान होगा। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथों में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभदा और भाई बलराम के साथ प्रजा का हाल जानने के लिए निकलते हैं। शहर के विभिन्न मंदिरों से रथयात्रा निकाली जाती है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवश्यनी एकादशी कहते हैं। इसे आषाढ़ी एकादशी के नाम से भी जानते हैं। इसी दिन से श्रीहरि विष्णु जी 4 माह के लिए योग निद्रा में जाते हैं। इस दिन के बाद से 4 महीने तक सभी शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित हो जाते हैं। इस साल 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है।
गुरुओं को समर्पित पर्व गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसी दिन आषाढ़ मास का समापन होता है। गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को पड़ेगी। गुरुपूर्णिमा पर शहर में भक्तमाल कथा, संत समागम, गोपाल यज्ञ और गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन होगा।