scriptAugust 2025 Pradosh Vrat : अगस्त का दूसरा प्रदोष व्रत 20 या 21 को ? जानें शिवजी की पूजा के लिए सही तारीख और मुहूर्त | August 2025 Pradosh Vrat know the date and puja-vidhi | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

August 2025 Pradosh Vrat : अगस्त का दूसरा प्रदोष व्रत 20 या 21 को ? जानें शिवजी की पूजा के लिए सही तारीख और मुहूर्त

August 2025 Pradosh Vrat : अगस्त 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाएगा। जानिए इस व्रत की सही तिथि, शुभ योग, महत्व और संपूर्ण पूजा विधि। श्रद्धा से प्रदोष व्रत करने पर जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

भारतAug 13, 2025 / 03:45 pm

Dimple Yadav

August 2025 Pradosh Vrat

August 2025 Pradosh Vrat

August 2025 Pradosh Vrat : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है। पंचांग के मुताबिक यह हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

अगस्त माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब है?

अगस्त 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, 20 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 59 मिनट पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी और 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष व्रत उसी दिन करना शुभ होता है जब त्रयोदशी तिथि संध्या के समय हो। इस बार प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र और गौरी योग का विशेष संयोग बन रहा है, जो इस व्रत के फल को और भी बढ़ा देगा। साथ ही, व्रत करने वालों को वत्स द्वादशी व्रत का भी पुण्य मिलेगा।

प्रदोष व्रत का महत्व

शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि प्रदोष व्रत करने वाले को शिवलोक की प्राप्ति होती है। यह व्रत वर्तमान जीवन की परेशानियों को दूर करता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखता है। साथ ही, गुप्त शत्रुओं के भय से मुक्ति के लिए भी यह व्रत अत्यंत प्रभावी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करने पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

सबसे पहले आप व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर घर के मंदिर की सफाई करें। जहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें तथा शिवलिंग का गंगाजल, दूध और जल से अभिषेक करें। भगवान शिव को जनेऊ, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी पत्र और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और भगवान शिव की आरती उतारें। साथ ही फल, मिठाई और भोग अर्पित करने के बाद प्रसाद सभी में बांटें।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / August 2025 Pradosh Vrat : अगस्त का दूसरा प्रदोष व्रत 20 या 21 को ? जानें शिवजी की पूजा के लिए सही तारीख और मुहूर्त

ट्रेंडिंग वीडियो